नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में मदरसों को बंद करने की राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की सिफारिश पर रोक लगा दी है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह फैसला सुनाया. शिक्षा के अधिकार कानून का पालन न करने के कारण NCPCR ने मदरसों को उचित शिक्षा प्रदान करने के लिए अनुपयुक्त और अयोग्य करार दिया था.

साथ ही उन मदरसों की मान्यता रद्द नहीं होगी जो शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE) 2009 का पालन नहीं कर रहे। न ही गैर मान्यता प्राप्त मदरसों से गैर मुस्लिम छात्रों को सरकारी स्कूलों में ट्रांसफर किया जाएगा। इस संबंध में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के निर्देशों पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। जमीयत-उलमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने अंतरिम आदेश जारी किया है। केंद्र और राज्य सरकारों को NCPCR के निर्देशों के अनुसार कार्रवाई नहीं करने को कहा है।

जमीयत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने दलील दी कि इस मामले में सभी राज्यों को पक्ष बनाया जाना चाहिए, क्योंकि कई राज्य ऐसे कदम उठा रहे हैं. इस पर सीजेआई ने नोटिस जारी करने को कहा है और कहा कि किसी भी सरकार द्वारा जारी अधिसूचना पर रोक लगाई जाए.

इंदिरा जयसिंह ने जमीयत का रखा पक्ष

जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने इस मामले में मौखिक रूप से यह अनुरोध किया कि याचिका में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पक्षकार बनाया जाए। अदालत ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए याचिकाकर्ता को अनुमति दी कि वे सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इस याचिका में पक्षकार बनाएँ। इस रिट याचिका को अधिवक्ता फ़ुज़ैल अहमद अय्यूबी द्वारा दायर किया गया था। जमीयत उलमा-ए-हिंद बनाम राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग और अन्य के मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह सुनिश्चित किया कि फिलहाल NCPCR और विभिन्न राज्यों द्वारा जारी निर्देशों के आधार पर किसी भी मदरसे के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी।

शिक्षा के अधिकार अधिनियम और मदरसों पर कार्रवाई के निर्देश

शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE) 2009 का उद्देश्य 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना है। इस अधिनियम के तहत निजी और सरकारी स्कूलों को निर्धारित मानकों का पालन करना होता है। NCPCR का यह निर्देश इसी अधिनियम के तहत उन मदरसों पर लागू होता है जो मान्यता प्राप्त हैं या जिनकी शिक्षा प्रणाली UDISE (Unified District Information System for Education) कोड से जुड़ी है।

Share this

Comments are closed.

Exit mobile version