देहरादून : (फरमान मलिक) हाईकोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा विभाग ने छठे और सातवें वेतनमान में दी गई अतिरिक्त वेतनवृद्धि (इंक्रीमेंट) की वसूली पूरी तरह रोक दी है। विभाग ने न केवल आगे की वसूली निरस्त कर दी है, बल्कि जिन शिक्षकों से यह रकम पहले ही वसूल ली गई थी, उन्हें भी तत्काल प्रभाव से लौटाने के निर्देश जारी किए हैं।

यह मामला लगभग दो हजार शिक्षकों से जुड़ा है, जिन्हें सितंबर 2019 में चयन और प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृति के साथ अतिरिक्त वेतनवृद्धि दी गई थी। बाद में विभाग ने इसे त्रुटिपूर्ण मानते हुए प्रति शिक्षक 5 से 6 लाख रुपये तक की रकम की रिकवरी के आदेश दिए थे। कई शिक्षकों से यह धनराशि पहले ही काट ली गई थी।

शंकर सिंह बोरा द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 18 जुलाई 2024 को इस वसूली को अवैध ठहराया। इसके बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती ने दोनों अपर मंडलीय निदेशकों और सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर वसूली रद्द करने और कटौती गई राशि लौटाने की कार्यवाही तुरंत शुरू करने के निर्देश दिए।

यह निर्णय न केवल प्रभावित शिक्षकों के आर्थिक बोझ को समाप्त करता है, बल्कि विभागीय प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और विधिक अनुपालन को भी मजबूत करता है।

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