नई दिल्ली : (फरमान मलिक) उत्तराखंड की स्थाई राजधानी गैरसैंण बनाने की मांग को लेकर सुराज सेवा दल ने रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर विशाल प्रदर्शन किया। हजारों की संख्या में कार्यकर्ता प्रदेश अध्यक्ष रमेश जोशी के नेतृत्व में पहुंचे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

सुराज सेवा दल का कहना है कि गैरसैंण को राजधानी बनाने की मांग 60 के दशक से उठती रही है। इसी मांग के आधार पर 9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तरांचल बना, और 2007 में इसका नाम बदलकर उत्तराखंड किया गया। बावजूद इसके, पिछले 25 सालों से यह मुद्दा जस का तस बना हुआ है और दोनों ही प्रमुख दलों ने केवल वादे किए लेकिन स्थाई राजधानी की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

रमेश जोशी ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द ही मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया तो सुराज सेवा दल बड़े आंदोलन की तैयारी करेगा। उन्होंने हाल ही में हुए जिला पंचायत चुनावों में धांधली का आरोप लगाते हुए इसे लोकतंत्र की हत्या बताया और कहा कि इस घटना ने पूरे प्रदेश को शर्मसार कर दिया है।

वरिष्ठ नेता इंतजार प्रधान ने कहा कि गैरसैंण को राजधानी बनाने से पहाड़ और मैदान दोनों क्षेत्रों का संतुलित विकास होगा। यह आंदोलन जनता की भलाई, प्रदेश की उन्नति और जनसमस्याओं के समाधान के लिए है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड लगातार प्राकृतिक आपदाओं से जूझता है, लेकिन सरकारें जनता को राहत देने की बजाय केवल औपचारिकता निभाती रही हैं।

सुराज सेवा दल का साफ कहना है कि जब तक गैरसैंण स्थाई राजधानी नहीं बनती, उनका संघर्ष जारी रहेगा।

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