हरिद्वार : (फरमान मलिक) ज्वालापुर क्षेत्र में एक फाइनेंस कंपनी को करोड़ों की धोखाधड़ी का शिकार बनाने का मामला उजागर हुआ है। आरोप है कि फर्जी विक्रेता और खरीदार बनाकर लगभग 38.58 लाख रुपये का लोन लेकर रकम हड़प ली गई। इस संबंध में पुलिस ने एक अधिवक्ता समेत छह लोगों पर नामजद मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

जानकारी के अनुसार, ज्वालापुर स्थित एसएमएफजी इंडिया होम फाइनेंस कंपनी के शाखा प्रबंधक ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि बसेड़ी खादर (लक्सर) की एक संपत्ति को लेकर फर्जीवाड़ा किया गया। पहले यह जमीन सुखपाल नामक व्यक्ति के नाम थी, बाद में पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए मच्छला देवी के नाम चढ़ाई गई। जनवरी 2023 में इसकी रजिस्ट्री कराई गई और इसके आधार पर लोन की प्रक्रिया शुरू की गई।

कंपनी का आरोप है कि अधिवक्ता ने टाइटल रिपोर्ट में दस्तावेजों को सही बताकर लोन की स्वीकृति कराई। इसके बाद 38.58 लाख रुपये का लोन पास हुआ और मई 2025 में 37.29 लाख रुपये का चेक मच्छला देवी के नाम जारी कर दिया गया। चेक की रकम रवि कश्यप की पत्नी पायल को सौंप दी गई। इसके कुछ समय बाद ही मच्छला देवी ने जमीन को रवि कश्यप को बेच दिया।

कंपनी की आंतरिक जांच में यह पूरा सौदा संदिग्ध पाया गया। आरोप है कि अधिवक्ता ने सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में विक्रेता-खरीदार की सही पहचान की पुष्टि नहीं की और नियमों की अनदेखी की। आगे चलकर जमीन को एक अन्य व्यक्ति को बेचने का भी दिखावा किया गया। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी परविंदर सैनी ने इस धोखाधड़ी में हिस्सा लेकर 14 लाख रुपये अपने खाते में जमा किए।

फर्जी दस्तावेजों और लेनदेन के जरिए कंपनी से करोड़ों की ठगी किए जाने के मामले में रवि कश्यप, उसकी पत्नी पायल, मच्छला देवी, अधिवक्ता ज्ञानेश्वर ठकराल समेत अन्य एजेंटों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह ने बताया कि केस की गंभीरता से जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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