रुड़की : (फरमान मलिक) सिंचाई प्रथाओं को बदलने और ग्रामीण स्थिरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम के रूप में, भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के कमांड एरिया डेवलपमेंट एंड वाटर मैनेजमेंट विंग ने आईआईटी रुड़की के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस साझेदारी का उद्देश्य कमांड एरिया डेवलपमेंट (एम-सीएडी) आधुनिकीकरण कार्यक्रम को अनुसंधान, क्षमता निर्माण और नीतिगत नवाचार के माध्यम से मजबूत करना है।

इस पहल से किसानों को अधिक कुशल, टिकाऊ और भरोसेमंद सिंचाई पद्धतियों तक पहुंच मिलेगी। उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों के लिए यह परियोजना खास महत्व रखती है, जहां खंडित भूमि जोत और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के कारण जल प्रबंधन चुनौतियां गंभीर हैं।

समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह में जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देबाश्री मुखर्जी ने सिंचाई आधुनिकीकरण में महिलाओं की भागीदारी और स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप प्रौद्योगिकी विकसित करने पर जोर दिया। आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. कमल किशोर पंत ने इसे राष्ट्रीय विकास और सामाजिक कल्याण के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया।

यह सहयोग हिमालयी और मैदानी दोनों क्षेत्रों के लिए आदर्श सिंचाई मॉडलों के विकास में मदद करेगा, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए जल सुरक्षा और कृषि लचीलापन मजबूत होगा।

Share this

Comments are closed.

Exit mobile version