पिरान कलियर : (फरमान मलिक) श्रद्धालुओं की भावनाओं से खिलवाड़ और ईमानदारी का चोला पहनकर बेईमानी का नाच – कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है दरगाह पीरान कलियर से, जहां पर सेवकों द्वारा दान पात्र (गोलक) में डालने के बजाय पैसा अपनी जेब में रखते हुए रंगे हाथ पकड़े जाने का बड़ा मामला सामने आया है।

दिनांक 07 अगस्त 2025 को शिकायतकर्ता संदीप सिंह निवासी पंजाब द्वारा दरगाह प्रबंधन को यह अवगत कराया गया कि कुछ सेवक पैसे को दान पात्र में डालने की बजाय खुद रख रहे हैं। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जब अधोलेखसाक्षी द्वारा कैमरे की फुटेज जांची गई, तो चौंकाने वाले दृश्य सामने आए।

वीडियो फुटेज में साफ दिखा कि सेवक “जमशेद, अजमेरी और रिज़वान” न सिर्फ पैसे को दान पात्र में डालने से बच रहे थे, बल्कि उसे अपने पास अलग से रख रहे थे। यही नहीं, आरोप है कि इन सेवकों द्वारा अपनी मनमर्जी से खादिम पर्चियां बनाकर श्रद्धालुओं में बांटी जा रही थीं और दरगाह के अंदर नियमों को ताक पर रखकर निजी फायदा उठाया जा रहा था।

इस कृत्य से न सिर्फ दरगाह की गरिमा को ठेस पहुंची है, बल्कि धार्मिक आस्थाओं का भी अपमान हुआ है। प्रबंधन ने इसे एक गंभीर अनियमितता मानते हुए तत्काल प्रभाव से तीनों सेवकों को ड्यूटी से पृथक कर दिया है और संबंधित अधिकारियों को रिपोर्ट भेज दी गई है।

प्रश्न उठता है:

  • क्या श्रद्धा स्थलों पर अब भी विश्वास सुरक्षित है?
  • जब सेवा करने वाले ही “सेवकों” की जगह “लाभार्थी” बन जाएं, तो श्रद्धालु कहां जाएं?

अब जरूरत है सख्त कार्रवाई की, ताकि आस्था की जगह लूट न ले सके। श्रद्धालुओं का विश्वास बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि ऐसे मामलों में सिर्फ निलंबन नहीं, कानूनी सख्ती भी हो।

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