हरिद्वार : (फरमान मलिक) उत्तराखंड में केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज कराने वाले मरीजों के नाम पर बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण (SHA) की जांच में रुड़की के क्वाड्रा हॉस्पिटल और हरिद्वार के मेट्रो हॉस्पिटल द्वारा ICU पैकेज का भारी दुरुपयोग किए जाने की पुष्टि हुई है। दोनों अस्पतालों की आयुष्मान योजना से संबद्धता तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दी गई है।
प्राधिकरण ने दोनों अस्पतालों को 5 दिनों के भीतर संतोषजनक स्पष्टीकरण देने का अंतिम अवसर दिया है। इस अवधि में दोनों संस्थान नए मरीजों की भर्ती नहीं कर सकेंगे, हालांकि पहले से भर्ती मरीजों का उपचार जारी रहेगा।
🔴 क्वाड्रा हॉस्पिटल का चौंकाने वाला खेल:
- 1800 केस में से 1619 मरीज ICU में दिखाए गए।
- 90% से अधिक सामान्य मरीजों को ICU में भर्ती दिखाकर महंगे पैकेज का लाभ लिया गया।
- मरीजों को 3–6 दिन ICU में, फिर डिस्चार्ज से पहले 1–2 दिन जनरल वार्ड में शिफ्ट कर औपचारिकता पूरी की गई।
- मरीजों के दस्तावेजों में बुखार 102°F से 98°F तक दर्शाया गया, लेकिन कोई ठोस मेडिकल प्रोफाइल नहीं।
- ICU फोटो में न मॉनिटर चालू, न IV लाइन, यानी ICU केवल नाम का।
- एक ही मोबाइल नंबर और एक जैसी लिखावट से कई फर्जी केस की पुष्टि।
🔴 मेट्रो हॉस्पिटल की भी जांच में खुलीं परतें:
- सामान्य मरीजों को 3 से 18 दिन तक ICU में भर्ती दिखाया गया।
- अस्पताल जरूरी दस्तावेज, ICU चार्ट और स्पष्ट तस्वीरें देने में असफल रहा।
- अपलोड की गई फाइलें धुंधली और अपठनीय पाई गईं।
- सामान्य बीमारियों को गंभीर दिखाकर योजना के महंगे पैकेज का बेजा लाभ उठाया गया।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण का सख्त संदेश:
इस कार्रवाई को लेकर SHA ने साफ किया है कि आयुष्मान भारत योजना का उद्देश्य जरूरतमंदों को मुफ्त इलाज देना है, न कि अस्पतालों को फर्जी बिलिंग का जरिया बनाना। यदि 5 दिनों में स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं हुआ तो अस्पतालों की स्थायी डीलिस्टिंग की जा सकती है।