धनौरी : (फरमान मलिक) उत्तराखंड की समृद्ध लोक परंपराओं में शामिल हरेला पर्व को धनौरी पी.जी. कॉलेज में इस वर्ष एक विशेष सामाजिक और पर्यावरणीय संदेश के साथ मनाया गया। कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) इकाई के बैनर तले छात्रों ने “एक पेड़ माँ के नाम” थीम पर वृक्षारोपण कर न सिर्फ पर्यावरण, बल्कि मातृत्व को भी एक नई श्रद्धांजलि दी।

कार्यक्रम की शुरुआत कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रभारी डॉ. अंकुर नेहरा के नेतृत्व में की गई। इस अवसर पर कॉलेज परिसर एवं विभिन्न क्षेत्रों – कलियर, रुड़की, बहादराबाद आदि में छात्र-छात्राओं ने पूरे उत्साह से भाग लेते हुए कई प्रजातियों के पौधे लगाए। इनमें नीम, आम, आंवला और अशोक जैसे औषधीय और छायादार पेड़ शामिल रहे।

डॉ. अंकुर नेहरा ने इस पहल को केवल एक पर्व नहीं, बल्कि “प्रकृति के प्रति हमारा उत्तरदायित्व और संस्कृति से जुड़ने का भावनात्मक अवसर” बताया। उन्होंने कहा कि – “हरेला केवल हरियाली का पर्व नहीं है, ये हमारी धरती मां के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का माध्यम है। ‘एक पेड़ माँ के नाम’ जैसी पहल युवाओं में संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का बीज बोती है।”

इस अभियान का उद्देश्य न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना था, बल्कि छात्रों में पारिवारिक मूल्यों और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को भी सुदृढ़ करना रहा। कार्यक्रम में कई स्वयंसेवकों ने अपनी माताओं के नाम पर पौधे लगाकर यह संदेश दिया कि धरती और मां – दोनों को बचाना हमारी जिम्मेदारी है।
इस विशेष आयोजन में कॉलेज के एन.एस एस.के अंतर्गत आने वाले अनेकों स्वयंसेवियों और कॉलेज के सहायक आचार्यों द्वारा भिन्न–भिन्न स्थानों जैसे कलियर, रुड़की, बहादराबाद इत्यादि स्थानों पर उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया और वृक्षारोपण किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अंकुर नेहरा प्रभारी, राष्ट्रीय सेवा योजना, धनौरी पी.जी. कॉलेज के द्वारा किया गया।
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