पिरान कलियर: (फरमान मलिक) :विश्व प्रसिद्ध दरगाह हज़रत साबिर पाक में हाजिरी देने के बाद बड़ी संख्या में आने वाले जायरीन तेज गर्मी से राहत पाने के लिए कलियर पुल स्थित गंग नहर में नहाने पहुंचते हैं, लेकिन यह राहत अब कई बार जानलेवा साबित हो चुकी है।

ताजा हादसा: पिता समेत दो बच्चे डूबे

आज बेहद दर्दनाक हादसे में रामपुर (उत्तर प्रदेश) से दरगाह में ज़ियारत के लिए आए एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। परिवार के मुखिया समेत उनके दो बच्चे — एक 15 वर्षीय किशोर और 10 वर्षीय किशोरी — कलियर गंगनहर में नहाते वक्त डूब गए। तीनों की तलाश अभी जारी है। परिजन और स्थानीय लोग गंगनहर के किनारे बदहवासी में तलाश कर रहे हैं। यह घटना न केवल प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि समाज के लापरवाह रवैये पर भी गंभीर सवाल उठाती है।
गौरतलब है कि बीते दिनों भी एक युवक की डूबकर दर्दनाक मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, युवक तैरने में निपुण नहीं था और तेज बहाव उसे बहा ले गया। यही नहीं, पिछले कुछ हफ्तों में कई अन्य लोग मामूली और गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। ये हादसे न केवल स्थानीय लोगों बल्कि यहां आने वाले पर्यटकों के लिए भी चिंता का विषय बनते जा रहे हैं।

सुरक्षा व्यवस्था नदारद
कलियर पुल पर न तो कोई चेतावनी बोर्ड लगा है, न ही किसी प्रकार की सुरक्षा टीम तैनात है। नहर की गहराई और तेज बहाव से अनजान लोग अक्सर मज़े-मज़े में जान जोखिम में डाल देते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि गर्मी बढ़ते ही यहां हर दिन सैकड़ों लोग नहर में कूद जाते हैं, लेकिन प्रशासन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा पाया है।
स्थानीय लोगों में नाराजगी
स्थानीय निवासी राशिद अली का कहना है,“हर साल हम किसी न किसी की लाश देखते हैं। हमने कई बार अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन हर बार हमें आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। क्या प्रशासन को किसी बड़ी त्रासदी का इंतजार है?”
प्रशासन से मांग: सख्त कदम उठाए जाएं
लोगों की मांग है कि चेतावनी बोर्ड तुरंत लगाए जाएं, सुरक्षा गार्डों की तैनाती हो, बचाव के लिए रेलिंग पर लोहे की संखले डाली जाए, नहर में नहाने पर कानूनी रोक लगे, नियमित पेट्रोलिंग हो और जुर्माने का प्रावधान लागू किया जाए, स्कूलों और सामाजिक संस्थानों के माध्यम से जनजागरूकता अभियान चलाया जाए।
अगर अब भी नहीं चेता प्रशासन तो हो सकते है बड़े हादसे
हर साल गर्मी के मौसम में इसी तरह की घटनाएं सामने आती हैं, लेकिन दुख की बात है कि कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला जा रहा। यदि प्रशासन ने जल्द और सख्त कदम नहीं उठाए, तो यह क्षेत्र मौत के कुएं में बदलता चला जाएगा।