देहरादून : (फरमान मलिक) उत्तराखंड में भूमि कानून के उल्लंघन के मामलों पर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। अब तक 407 प्रकरणों का खुलासा हुआ है, जिनमें से 154 मामलों में मुकदमे दर्ज किए गए हैं। वहीं, 147 मामलों में कार्रवाई की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। बाकी मामलों में भी कार्रवाई की जा रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया है कि भूमि-कानून उल्लंघन करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने ऐसे मामलों की पहचान शुरू कर दी है, जिनमें जमीन को किसी एक उद्देश्य के लिए खरीदा गया, लेकिन उसका इस्तेमाल अन्य कार्यों में किया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर, उद्योग, खेती या स्कूल खोलने के नाम पर खरीदी गई जमीन का उपयोग अन्य वाणिज्यिक गतिविधियों में किया गया।
देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, टिहरी और अल्मोड़ा जिलों में इस तरह के मामले अधिक सामने आए हैं। अल्मोड़ा में एक मामला ऐसा भी है, जिसमें भूमि को राज्य सरकार में निहित कर दिया गया है। अब तक कुल 3,006 हेक्टेयर भूमि राज्य सरकार में निहित की जा चुकी है। इनमें बागेश्वर में 0.40 हेक्टेयर, रुद्रपुर में 1.65 हेक्टेयर, सितारगंज व नैनीताल में 0.55 हेक्टेयर और अल्मोड़ा में 0.758 हेक्टेयर जमीन शामिल है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश में सख्त भू-कानून लागू किया गया है। अब कृषि और उद्यान भूमि की अनियंत्रित बिक्री पर रोक है। कानून का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई हो रही है और भूमि को राज्य सरकार में निहित किया जा रहा है।
मुख्य बिंदु:
- 407 मामले सामने आए, 154 में मुकदमे दर्ज
- 147 प्रकरणों में कार्रवाई प्रगति पर
- अब तक 3,006 हेक्टेयर जमीन राज्य सरकार में निहित
- धामी बोले: अनियमितताओं पर लगातार हो रही कार्रवाई


