देहरादून : (फरमान मलिक) एक निजी कंपनी द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘नारी 2025’ में देहरादून को महिलाओं के लिए असुरक्षित शहरों की सूची में शामिल करने पर उत्तराखंड महिला आयोग ने कड़ा संज्ञान लिया है। इस पुस्तक का विमोचन हाल ही में दिल्ली में पीवैल्यू एनालिटिक्स के सर्वे आधार पर किया गया था।

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने कहा कि मात्र 12,770 महिलाओं पर किए गए सर्वे के आधार पर 31 शहरों की सुरक्षा स्थिति तय करना पूरी तरह भ्रामक और निंदापूर्ण है। उन्होंने साफ किया कि महिला सुरक्षा की एनुअल रिपोर्ट एंड इंडेक्स (एनएआरआइ) का महिला आयोग से कोई ताल्लुक नहीं है। यह पूरी तरह निजी सर्वे है, जिसे आयोग नकारता है।
कुसुम कण्डवाल ने कहा कि देहरादून की महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार और प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बेहद संवेदनशील हैं और किसी भी अप्रिय घटना पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है। उन्होंने कहा कि महिला असुरक्षा के नाम पर देहरादून की छवि को धूमिल करना पूरी तरह गलत और अस्वीकार्य है।

महिला आयोग अध्यक्ष ने यह भी स्पष्ट किया कि पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजय रहाटकर मौजूद थीं, लेकिन उन्होंने भी इस सर्वे का समर्थन नहीं किया। इस विषय पर फोन पर हुई बातचीत में रहाटकर ने कहा कि इस सर्वे और रिपोर्ट का राष्ट्रीय महिला आयोग से कोई संबंध नहीं है।
कुसुम कण्डवाल ने कहा कि देहरादून का नाम सूची में शामिल करने के पीछे किस प्रकार का आधार अपनाया गया है, इसकी रिपोर्ट आयोग तलब करेगा और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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