देहरादून (फरमान मलिक) : समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर प्रचारित तथ्यों पर गृह विभाग ने सख्ती दिखाई है। गृह विभाग ने कहा है कि यह बात बिल्कुल गलत है कि समान नागरिक संहिता के अंतर्गत विवाह का पंजीकरण करने वालों को निवास प्रमाण पत्र मिल जाएगा। इसमें विवाह या अन्य पंजीकरण का राज्य के निवास प्रमाणपत्र से कोई संबंध नहीं है।

संहिता में भी किसी व्यक्ति को विवाह या अन्य पंजीकरण के आधार पर उत्तराखंड का निवास प्रमाणपत्र प्रदान किये जाने का कोई प्रविधान नहीं है। समान नागरिक संहिता के विभिन्न प्रविधानों को लेकर इस समय इंटरनेट मीडिया के माध्यम से कई भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं।

इस पर गृह विभाग ने स्पष्ट किया है कि अफवाह फैलाना, भ्रामक या झूठी जानकारी प्रसारित करना एक कानूनी अपराध है। ऐसा कोई व्यक्ति या समूह जो भ्रामक सूचना प्रचारित अथवा प्रसारित करेगा, उसके विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 353 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

गृह विभाग ने आमजनता से अपील की है कि वे केवल आधिकारिक स्त्रोतों से प्राप्त जानकारी पर ही विश्वास करें। साथ ही किसी भी तरह की अफवाह फैलाने से बचें। यदि किसी को समान नागरिक संहिता से संबंधित किसी भी प्रविधान पर संदेह या स्पष्टीकरण की आवश्यकता हो, तो वे गृह विभाग, उत्तराखंड सरकार से आधिकारिक माध्यमों पर संपर्क कर सकते हैं।

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