देहरादून : (फरमान मलिक) उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की साइबर थाना कुमाऊँ टीम ने एक बड़ी साइबर ठगी का पर्दाफाश किया है। रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय की सेवानिवृत्त कुलपति से “डिजिटल अरेस्ट” के जरिए 1.47 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाले आरोपी को हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले से गिरफ्तार किया गया है।
जानकारी के अनुसार साइबर अपराधियों ने पीड़िता (वरिष्ठ नागरिक) को महाराष्ट्र साइबर क्राइम विभाग का अधिकारी बनकर 12 दिनों तक व्हाट्सऐप कॉल पर “डिजिटली अरेस्ट” कर रखा था। आरोपियों ने पीड़िता को डराया कि उनके नाम पर खोले गए खातों में 60 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है और उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज है। इसी भय के चलते उनसे विभिन्न खातों में कुल 1.47 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवा लिए गए।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक STF, नवनीत सिंह ने बताया कि तकनीकी विश्लेषण और डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर आरोपी राजेन्द्र कुमार पुत्र श्री सोमनाथ, निवासी यमुनानगर (हरियाणा), हाल निवासी सोलन (हिमाचल) को गिरफ्तार किया गया। आरोपी के पास से 3 मोबाइल फोन, 3 सिम कार्ड, 10 चेक (ब्लैंक व हस्ताक्षरित), 3 डेबिट कार्ड, 4 फर्मों की मोहरें, वाई-फाई राउटर, जीएसटी व उद्यम रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट समेत कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
अपराध का तरीका:
अपराधी खुद को पुलिस अधिकारी बताकर व्हाट्सऐप कॉल पर पीड़िता को लगातार संपर्क में रखते, उन्हें घर से बाहर जाने या किसी से बातचीत करने से रोकते और खातों की जांच के नाम पर पैसे ट्रांसफर करवाते। आरोपी द्वारा धोखाधड़ी की गई रकम तुरंत ही अन्य खातों में ट्रांसफर कर दी जाती थी।
STF की अपील:
जनता किसी भी तरह के लालच, फर्जी निवेश ऑफर, दोगुना पैसा करने के झांसे, यूट्यूब/टेलीग्राम निवेश योजनाओं या अनजान कॉल्स पर विश्वास न करें। किसी भी वित्तीय साइबर अपराध की स्थिति में तुरंत 1930 पर कॉल कर रिपोर्ट करें।


