देहरादून : (फरमान मलिक) उत्तराखंड में एलयूसीसी (लाइसेंस यूनिफाइड चिट फंड कंपनी) घोटाले का मामला अब सीबीआई की जांच के दायरे में आ गया है। राज्य में लगभग 92 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी सामने आने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच कराने के लिए मंजूरी दे दी है।

माना जा रहा है कि देहरादून समेत विभिन्न जिलों में एलयूसीसी नामक चिटफंड कंपनी ने निवेश के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की। शुरुआती जांच में पता चला है कि देशभर में कंपनी द्वारा करीब 189 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई है।
राज्य में एलयूसीसी कंपनी की 35 शाखाएं चलाई जा रही थीं, जिनके माध्यम से लोगों को मोटे मुनाफे का लालच देकर उनका पैसा जमा करवाया गया। आरोप है कि निवेशकों को तय समय पर न तो रिटर्न मिला और न ही उनकी रकम वापस की गई। देहरादून, पौड़ी, हरिद्वार, टिहरी समेत कई जिलों में ठगी से आक्रोशित लोगों द्वारा लगातार प्रदर्शन किए गए।

सख्त कार्रवाई का संदेश
मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर काम कर रही है और दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, “जनता के साथ विश्वासघात करने वालों को जेल की सलाखों के पीछे भेजना ही हमारा संकल्प है।”
पुलिस जांच के बाद मामला सीबीआई को सौंपा गया
राज्य पुलिस द्वारा प्रारंभिक जांच पूरी करने के बाद अब इस बड़े आर्थिक अपराध की परतें खोलने की जिम्मेदारी सीबीआई को दी गई है। माना जा रहा है कि जांच के दायरे में कंपनी के उच्च अधिकारी, दलाल और अन्य सहयोगी भी आएंगे।
निष्कर्ष
एलयूसीसी घोटाले की सीबीआई जांच से पीड़ित निवेशकों को न्याय की उम्मीद जगी है। अब देखना होगा कि जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है और कब तक दोषियों पर कानूनी शिकंजा कसा जाता है।
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