पिरान कलियर : (फरमान मलिक) दरगाह साबिर पाक से जुड़ी पवित्र “मेला ज़मीन”, जिसे आमतौर पर “साबरी बाग़” के नाम से जाना जाता है, को लेकर एक बार फिर बेचने और खरीदने की कोशिशों की सुगबुगाहट पर पिरान कलियर के सभासद गुलफाम साबरी ने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि –

“जो भी इस ज़मीन को खरीदने या कब्ज़ाने की कोशिश करेगा, उसे केवल कानूनी ही नहीं, सामाजिक और धार्मिक जवाब भी दिया जाएगा।”

सभासद गुलफाम साबरी ने अपनी चेतावनी को न सिर्फ एक राजनीतिक जिम्मेदारी बताया, बल्कि इसे एक खिदमत यानी सेवा का हिस्सा कहा। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये ज़मीन महज़ कोई संपत्ति नहीं, बल्कि साबिर पाक की पवित्र धरोहर, लाखों भक्तों की आस्था, और आने वाली नस्लों की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत है।

उन्होंने कहा कि –

“यह कोई धमकी नहीं, एक समय रहते दी जा रही चेतावनी है। अगर किसी ने इस ज़मीन के इर्द-गिर्द भी सौदेबाज़ी की कोशिश की, तो उसे कलियर की जनता और पूरे समाज का सामना करना पड़ेगा।”

सामाजिक बहिष्कार की चेतावनी
गुलफाम साबरी ने दो टूक कहा कि जो भी इस ज़मीन की दलाली में शामिल पाया जाएगा, उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। “साबिर पाक ज़मीन बचाओ समिति” इस मुद्दे पर पूरी तरह सतर्क और सक्रिय है — चाहे वह कानूनी मोर्चा हो, जनचेतना हो, या ज़रूरत पड़ने पर शांतिपूर्ण आंदोलन।

प्रशासन को भी दी गई सीधी चुनौती
गुलफाम साबरी ने यह भी कहा कि अगर प्रशासन इस मामले में चुप रहा या आंखें मूंदे बैठा रहा, तो जनता सड़कों पर उतरने से पीछे नहीं हटेगी।

“अगर ज़मीर सो गया, तो हम उसे झकझोरेंगे। अगर कोई आँख उठाएगा, तो पूरा कलियर उठ खड़ा होगा।”

समाप्ति में स्पष्ट ऐलान:

“साबिर पाक की ज़मीन बिकने नहीं दी जाएगी – यह नारा अब हर दिल की आवाज़ बनेगा।”

– गुलफाम साबरी
सभासद, पिरान कलियर – सदस्य, साबिर पाक ज़मीन बचाओ समिति

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