देहरादून : (फरमान मलिक) उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता (UCC) के 27 जनवरी 2025 से लागू होने के बाद विवाह पंजीकरण के आंकड़ों में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है। अब तक कुल 3,01,526 विवाह पंजीकरण किए जा चुके हैं, जो प्रतिदिन औसतन 1,634 पंजीकरण दर्शाते हैं। यह संख्या पूर्ववर्ती व्यवस्था की तुलना में कई गुना अधिक है।
यूसीसी लागू होने से पहले, वर्ष 2010 से लेकर 26 जनवरी 2025 तक उत्तराखण्ड विवाह पंजीकरण अधिनियम-2010 के तहत केवल 3,30,064 विवाह पंजीकृत हुए थे, जिनका प्रतिदिन औसत मात्र 67 था। यह तुलना स्पष्ट करती है कि UCC लागू होने के बाद लोगों में विवाह पंजीकरण को लेकर जागरूकता और भरोसे में भारी वृद्धि हुई है।
विवाह पंजीकरण प्रक्रिया को अब सरल, पारदर्शी और तकनीकी रूप से प्रभावी बनाया गया है, जिससे आम नागरिकों में यह प्रक्रिया पहले से कहीं अधिक सुविधाजनक और भरोसेमंद बन गई है। यही कारण है कि राज्य में विवाह पंजीकरण को लेकर उत्साह लगातार बढ़ रहा है।
राज्य सरकार ने नागरिकों की सुविधा के मद्देनजर विवाह पंजीकरण की समय-सीमा भी बढ़ा दी है। पहले जहां यह सीमा 6 माह थी, वहीं अब इसे 1 वर्ष कर दिया गया है। इस संबंध में विधायी एवं संसदीय कार्य विभाग द्वारा अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि समान नागरिक संहिता के तहत विवाह पंजीकरण में हो रही निरंतर वृद्धि यह दर्शाती है कि यह कानून समाज को अधिक संगठित, सशक्त और विधिक रूप से संरचित करने की दिशा में बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि यह कानून महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और उनके हितों की सुरक्षा के लिए भी निर्णायक साबित हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि UCC के तहत हर विवाह पंजीकरण, राज्य के सामाजिक सशक्तिकरण का प्रतीक बन रहा है।


