पिरान कलियर : (फरमान मलिक) नगर पंचायत की “सेवा” का नज़ारा वार्ड नंबर 3 में साफ देखा जा सकता है, जहां सड़क किनारे के साथ साथ आबादी में ही कूड़े का अंबार सजाकर रखा गया है। मज़ेदार (या कहें शर्मनाक) बात यह है कि इसी कूड़े के ढेर के सामने एक इंटर कॉलेज भी है, जहां छात्र रोज़ “ज्ञान” के साथ-साथ दुर्गंध की जबरन क्लास भी अटेंड कर रहे हैं।
बारिश का तो कहना ही क्या, ऊपर से बरसात और नीचे से बहता कूड़े का पानी… सड़कों को गंदगी की नहर बना देता है। जनता का कहना है कि इस लापरवाही की वजह से डेंगू, मलेरिया और तरह-तरह की बीमारियों का खतरा सिर पर मंडराने लगा है। छात्र-छात्राएं और राहगीर उसी से होकर गुजरते हैं, मानो सफाई की जिम्मेदारी नगर पंचायत नहीं बल्कि जनता पर ही छोड़ दी गई हो।
इलाके के लोगों का कहना है कि चेयरमैन प्रतिनिधि और अधिशासी अधिकारी शायद इस इलाके को “खुला कूड़ा घर” मान बैठे हैं, तभी तो किसी को भी इस बदबूदार समस्या से फर्क नहीं पड़ता। मगर जनता ने चेतावनी दे दी है – अगर जल्द सुधार नहीं हुआ तो गंदगी हटवाने के लिए अब धरना-प्रदर्शन ही आखिरी रास्ता होगा।
लोगों का साफ कहना है कि बच्चों और बुजुर्गों की सेहत के साथ खिलवाड़ किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सवाल ये है कि कब तक पिरान कलियर की जनता “नगर पंचायत की लापरवाही” के नाम पर दुर्गंध और बीमारियों का खामियाजा भुगतेगी?