रूडकी : (फरमान मलिक) आज देश भर में मुस्लिम समाज द्वारा कुर्बानी का त्योहार ईद-उल-अजहा सादगी के साथ मनाया जा रहा है। ईद उल अजहा या ईद उल अदहा बकरीद को कहा जाता है। इसका अर्थ है कुर्बानी की ईद। इस्लाम को मानने वाले दो ईद मनाते हैं। पहली ईद रमजान का महीना खत्म होते ही आती है, उसे मीठी ईद भी कहा जाता है। दूसरी ईद कुर्बानी की ईद होती है, जिसे रमजान का महीना खत्म होने के लगभग 70 दिन बाद मनाया जाता है।
हरिद्वार के रुड़की और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में आज ईद उल अजहा के त्यौहार पर ईद की नमाज़ अदा की गई है. शनिवार की सुबह लोग ईदगाह और मस्जिदों में नमाज के लिए पहुंचे। जहां नमाज अदा कर एक-दूसरे को बधाई देते हुए बकरीद का पर्व मनाया। नमाज के बाद मुस्लिम समाज के लोगों ने देश में अमन चैन बहाल करने के लिए अल्लाह से दुआएं मांगी।
सभी ने गले मिलकर एक-दूसरे को बकरीद की मुबारकबाद दे रहे हैं। नमाज के बाद कुर्बानी हो रही है। घर में आने वालों का सिवईं, शीरिनी से मुंह मीठा किया कराया जा रहा है। सुबह से ही बकरीद की मुबारकबाद देने का सिलसिला जारी है।
तकबीर-ए-तशरीक पढ़ते मस्जिदों को रवाना हुए नमाजी सुबह से ही ईद उल अजहा का जोश नजर आया। बच्चे, जवान और बुजुर्ग ईद की नमाज अदा करने के लिए नए कपड़े और इत्र लगाकर तकबीर-ए-तशरीक पढ़ते हुए मस्जिदों को रवाना हुए। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में तेतुलू आफताब सूर्योदय के बाद मस्जिदों में ईद की नमाज अदा की गई।
नमाज और कुर्बानी को लेकर पुलिस और प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। सुरक्षा के लिहाज से सुबह से ही सभी मस्जिदों के बाहर भारी फोर्स तैनात की गई है। नमाजियों की सहुलियत के लिए शहर भर में जगह-जगह पुलिस फोर्स तैनात की गई है। पुलिस की तैयारियों की वजह से ही सबकुछ सकुशल संपन्न हो रहा है।