हरिद्वार/रुड़की : (फरमान मलिक) कांवड़ मेले में जहां एक ओर आस्था का सैलाब उमड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर बीईजी रुड़की के जांबाज़ सैनिक आस्था की रक्षा में गंगा की लहरों से जूझ रहे हैं। अब तक सेना के तैराक दल ने 107 शिवभक्त कांवड़ियों को गंगा में डूबने से बचाकर, जो जीवनदायिनी सेवा दी है — वह किसी युद्धभूमि में दी गई वीरता से कम नहीं।

यह सब संभव हो पाया जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक परमेन्द्र डोबाल के मार्गदर्शन और नगर पुलिस अधीक्षक पंकज गैरोला तथा एडीएम फिंचाराम के समन्वय से। लेकिन सबसे अहम कड़ी बने इंडियन रेडक्रॉस सचिव व बीईजी आर्मी के नोडल अधिकारी डॉ. नरेश चौधरी, जिनके नेतृत्व में सेना का विशेष तैराक दल लगातार घाटों पर तैनात है।

हरकी पैड़ी, सुभाष घाट, गऊघाट, हनुमान घाट, बिरला घाट से लेकर सोलानी पुल तक — हर उस जगह जहाँ खतरा है, वहाँ मौजूद हैं ये आर्मी के तैराक। कमान्डेंट ब्रिगेडियर के.पी. सिंह से लेकर सैपर प्रीत जैना और हवलदार तन्मय कुमार तक — हर एक जवान ने न सिर्फ़ डूबते श्रद्धालुओं को बचाया, बल्कि रेडक्रॉस स्वयंसेवकों की मदद से उन्हें प्राथमिक उपचार देकर सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाया।

डॉ. नरेश चौधरी कहते हैं, “देश की सीमाओं की तरह ही इन घाटों पर भी हमारे जवान सतर्क हैं। जो सेवा उन्होंने दी है, वह अतुलनीय है — यह सिर्फ़ ड्यूटी नहीं, समर्पण है।”

जहाँ एक ओर प्रशासन ने बेहतरीन समन्वय किया, वहीं आम जनमानस से लेकर कांवड़ियों के परिजनों तक ने सैनिकों को खुले दिल से सलाम किया है।

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