नई दिल्ली: (फरमान मलिक) भारत में 2026 में होने वाली जनगणना ऐतिहासिक होगी, क्योंकि यह देश की पहली डिजिटल जनगणना होगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए एक खास वेब पोर्टल लॉन्च करने की योजना बनाई है, जिसके जरिए नागरिक स्वयं अपनी जानकारी ऑनलाइन दर्ज कर सकेंगे। इसके साथ ही एंड्रॉयड और आईफोन के लिए विशेष मोबाइल ऐप भी तैयार किए जा रहे हैं, जिनका इस्तेमाल गणनाकर्ता डेटा इकट्ठा करने के लिए करेंगे।

डिजिटल क्रांति का नया कदम
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “यह जनगणना डिजिटल तकनीक के साथ होगी, जिसमें डेटा सीधे केंद्रीय सर्वर पर जाएगा। इससे नतीजे जल्दी और सटीक मिलेंगे।” डेटा की गोपनीयता के लिए कड़े साइबर सुरक्षा उपाय भी किए जाएंगे।
कब होगी जनगणना?
पहला चरण (मकान सूचीकरण और आवास गणना) 1 अप्रैल 2026 से शुरू होगा, जबकि दूसरा चरण (जनसंख्या गणना) 1 फरवरी 2027 से। इस बार जाति से जुड़ी जानकारी भी ली जाएगी। सामान्य क्षेत्रों के लिए संदर्भ तिथि 1 मार्च 2027 (रात 12 बजे) और बर्फीले क्षेत्रों (जैसे लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड) के लिए 1 अक्टूबर 2026 होगी।16वीं जनगणना, 34 लाख कर्मचारी
यह भारत की 16वीं और आजादी के बाद 8वीं जनगणना होगी। इसके लिए 16 जून 2025 को अधिसूचना जारी हो चुकी है। करीब 34 लाख गणनाकर्ताओं और पर्यवेक्षकों को तीन स्तर के प्रशिक्षण के बाद तैनात किया जाएगा।

सीमा परिवर्तन की समय सीमा
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 31 दिसंबर 2025 तक प्रशासनिक सीमाओं (जिला, तहसील, आदि) में बदलाव करने होंगे, वरना वे जनगणना में शामिल नहीं होंगे।

हर व्यक्ति की गिनती सुनिश्चित
महापंजीयक मृत्युंजय कुमार नारायण ने कहा, “हर गांव और शहर को गणना ब्लॉकों में बांटा जाएगा, ताकि कोई छूटे नहीं और दोबारा गिनती न हो।” सरकार का दावा है कि यह डिजिटल कदम जनगणना को तेज, पारदर्शी और नागरिकों के लिए आसान बनाएगा, जिससे भारत की जनगणना प्रणाली एक नए दौर में प्रवेश करेगी।