नई दिल्ली : (फरमान मलिक) अहमदाबाद प्लेन क्रैश के बाद केंद्र सरकार ने विमानन सुरक्षा को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। शुक्रवार, 25 जुलाई को टाटा संस और एअर इंडिया के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में सरकार ने साफ संदेश देते हुए दो अहम निर्देश दिए।

पहला निर्देश था कि एअर इंडिया के उन विभागों में जहां सुरक्षा से जुड़ा सीधा असर पड़ता है, वहां बैकसीट ड्राइविंग, यानी पर्दे के पीछे से फैसले लेने की संस्कृति को तुरंत खत्म किया जाए।

दूसरा बड़ा संदेश यह था कि प्रमुख पदों पर बैठे लोगों के पास निर्णय लेने की स्पष्ट शक्ति होनी चाहिए, ताकि सिस्टम पारदर्शी रहे। सरकार ने चिंता जताई कि कई बार फैसले कोई और लेता है और पद पर बैठे व्यक्ति को सिर्फ दोषी ठहराया जाता है। यह चलन बेहद खतरनाक है और इसे तत्काल समाप्त करने की आवश्यकता है।

इस बैठक में नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू, सचिव समीर कुमार सिन्हा और डीजीसीए प्रमुख फैज अहमद किदवई मौजूद थे। बैठक में विमानन सुरक्षा में सुधार के लिए कई बिंदुओं पर चर्चा हुई, जिन पर चेयरमैन चंद्रशेखरन ने सहमति जताई है।

सरकार का यह सख्त रुख संकेत देता है कि अब हवाई सुरक्षा के मामले में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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