पिरान कलियर : (फरमान मलिक) विश्व प्रसिद्ध दरगाह हज़रत साबिर पाक रहमतुल्लाह अलैह, जो आस्था और मोहब्बत का केंद्र मानी जाती है, इन दिनों अपनी जर्जर हालत को लेकर सुर्ख़ियों में है। हर साल करोड़ों रुपये दान और चंदे के रूप में आने के बावजूद दरगाह की स्थिति ऐसी है कि श्रद्धालु और स्थानीय लोग इसे “शर्मनाक लापरवाही” कहने को मजबूर हैं।
बारिश के दिनों में आस्ताने की हालत बद से बदतर हो जाती है। मस्जिद की छत से पानी ऐसे टपकता है जैसे किसी नल से धार निकल रही हो। यही नहीं, यह पानी सीधे बिजली की वायरिंग और बोर्ड से होकर गुजर रहा है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। नमाजी भीगी सफों पर नमाज़ अदा करने को मजबूर हैं, जबकि प्रबंधक और उनकी टीम सिर्फ़ बैठकों और काग़ज़ी घोषणाओं में उलझे हुए दिखाई देते हैं।
स्थानीय निवासियों और जायरीनों का कहना है कि “जिस दरगाह के नाम पर लोग अपनी पूरी ज़िंदगी की कमाई तक दान कर जाते हैं, वहाँ मूलभूत मरम्मत तक न होना बेहद अफ़सोसनाक है।” लोगों ने सवाल उठाया कि आखिर दान में आने वाले करोड़ों रुपये कहाँ खर्च होते हैं? क्यों छत, ड्रेनेज और सुरक्षा इंतज़ाम पर ध्यान नहीं दिया जा रहा?
स्थानीय लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि दरगाह प्रबंधन का ध्यान सिर्फ़ दान के पैसे गिनने और दिखावटी कार्यक्रम कराने में है। वहीं आस्ताने की साफ-सफाई, छत की मरम्मत और सुरक्षा इंतज़ाम पूरी तरह उपेक्षित पड़े हैं।
श्रद्धालुओं और क्षेत्रवासियों ने जिला प्रशासन और वक्फ बोर्ड से तत्काल हस्तक्षेप करने, दरगाह की मरम्मत कराने और लापरवाह प्रबंधकों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।