देहरादून : (फरमान मलिक) उत्तराखंड में अब उन ढोंगी बाबाओं की खैर नहीं जो साधु-संत बनकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को एक बड़ा ऐलान करते हुए ‘ऑपरेशन कालनेमि’ की शुरुआत की है। इस अभियान के जरिए ऐसे फर्जी बाबाओं की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जो धार्मिक लिबास में लोगों को धोखा दे रहे हैं।

सीएम धामी ने कहा कि यह ऑपरेशन ऐसे सभी लोगों के लिए चेतावनी है जो धर्म की आड़ में महिलाओं व आम जनता को ठगने या बहकाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह नाम पौराणिक चरित्र ‘कालनेमि’ से लिया गया है, जो खुद को साधु बताकर लोगों को धोखा देता था।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ऐसे लोगों की पहचान की जाए और उनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई हो। पुलिस और खुफिया विभाग को इस ऑपरेशन के तहत सक्रिय किया गया है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि कार्रवाई किसी धर्म या आस्था के खिलाफ नहीं है, बल्कि उन लोगों के खिलाफ है जो धर्म का नाम बदनाम कर रहे हैं।

यह अभियान ऐसे वक्त में शुरू किया गया है जब राज्य में कांवड़ यात्रा शुरू होने जा रही है और लाखों श्रद्धालु उत्तराखंड आने वाले हैं। सरकार चाहती है कि देवभूमि की छवि को कोई भी ढोंगी या ठग खराब न कर सके।

इस ऑपरेशन को लेकर जहां बीजेपी ने सरकार के फैसले को एक साहसिक कदम बताया है, वहीं कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि आखिर अब तक कितने ऐसे मामलों की पहचान हुई है और कितने आरोपियों को पकड़ा गया है?

फिलहाल, ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत फर्जी बाबाओं के खिलाफ एक बड़ी मुहिम की शुरुआत हो चुकी है, और आने वाले दिनों में इसके नतीजे भी सामने आने की उम्मीद है।

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