हरिद्वार : (फरमान मलिक) कांवड़ मेला 2025 के समापन के तुरंत बाद नगर निगम हरिद्वार ने एक प्रभावी और व्यापक सफाई अभियान चलाकर शहर को स्वच्छ बनाने में बड़ी सफलता हासिल की। मेले की समाप्ति की रात को ही प्रमुख गंगा घाटों और कोर क्षेत्रों की सफाई पूरी कर ली गई, जबकि बाकी क्षेत्रों में 24 जुलाई तक सफाई कार्य समाप्त हो चुका है।

इस मेले के दौरान लगभग 8,000 मीट्रिक टन ठोस कचरे का संग्रहण और निपटान किया गया। यह कार्य नियमित सफाई व्यवस्था और सतत निगरानी के कारण संभव हो सका। अभियान में 1,000 से अधिक सफाई कर्मियों ने तीन पालियों में कार्य किया, जिससे प्रमुख मार्गों, घाटों और सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता बनी रही। कचरे के संग्रहण के लिए पर्यावरण अनुकूल बायोडिग्रेडेबल बैग्स का उपयोग किया गया, जिससे निपटान प्रक्रिया और अधिक व्यवस्थित रही।

ड्रोन और क्षेत्रीय पर्यवेक्षकों की मदद से रीयल-टाइम निगरानी की गई, जिसने भीड़ के बावजूद सफाई कार्य को सुचारु रखा। इसके साथ ही, मेले के दौरान सभी अस्थायी शौचालयों को कार्यशील रखा गया, जिससे तीर्थयात्रियों को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़ा।

शिवरात्रि पर स्वच्छ गंगा घाट: नगर निगम की अनूठी पहल

शिवरात्रि के पावन अवसर पर नगर निगम हरिद्वार ने स्वच्छता के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। परंपरागत रूप से शिवरात्रि की रात को सफाई अभियान अगले दिन सुबह तक चलता था, लेकिन इस बार नगर निगम ने पहले से तैयार योजना के तहत मेले की पूरी अवधि में निरंतर सफाई सुनिश्चित की। नतीजतन, शिवरात्रि के दिन गंगा आरती से पहले ही सभी घाटों की सफाई पूरी करने का लक्ष्य रखा गया, ताकि श्रद्धालुओं को स्वच्छ और पवित्र वातावरण मिले।

इस अभियान के लिए चार नोडल अधिकारियों और 11 मुख्य सफाई निरीक्षकों को जिम्मेदारी सौंपी गई। 15 ट्रैक्टर ट्रॉलियाँ, 3 लोडर, 3 टिपर और 8 CNG वाहनों की तैनाती की गई। नगर निगम का लक्ष्य रात में ही सफाई कार्य पूरा करना था, ताकि अगली सुबह श्रद्धालुओं को स्वच्छ और व्यवस्थित गंगा घाट मिलें।

यह पहल न केवल स्वच्छता के प्रति नगर निगम की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि तीर्थयात्रियों की सुविधा और धार्मिक आयोजनों की गरिमा को बनाए रखने के लिए उनकी आधुनिक और उत्तरदायी कार्यशैली को भी उजागर करती है।

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