Uttarakhand cloudburst and Himachal landslide : (फरमान मलिक) 16 सितंबर 2025 को उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन ने भयानक तबाही मचा दी। मॉनसून की विदाई के बावजूद जारी रही बारिश ने कई इलाकों में बाढ़, सड़कें बंद और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। हिमाचल के मंडी और शिमला में भूस्खलन से कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि उत्तराखंड के देहरादून में बादल फटने से दो लोग लापता हैं। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन राहत-बचाव कार्य में जुटे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात कर सहायता का आश्वासन दिया है।

उत्तराखंड में स्थिति
देहरादून के सहस्त्रधारा (एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल) में आधी रात को बादल फटने से भयानक बाढ़ आ गई। तमसा नदी, कारलीगाड़ नदी और सहस्त्रधारा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा, जिससे नदी किनारे की कई दुकानें, घर और होटल बह गए। फन वैली के पास और उत्तराखंड डेंटल कॉलेज के निकट देहरादून-हरिद्वार नेशनल हाईवे पर एक पुल क्षतिग्रस्त हो गया। तपकेश्वर महादेव मंदिर के परिसर में 1-2 फीट मलबा जमा हो गया, और मंदिर क्षेत्र में भारी क्षति हुई। आईटी पार्क के पास सड़कों पर वाहन बह गए। दो लोग लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है।

मालदेवता, संतला देवी और दलानवाला जैसे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। मसूरी में भूस्खलन से एक मजदूर की मौत हो गई। चमोली में भूस्खलन से कर्णप्रयाग-नैनीताल और बद्रीनाथ राजमार्ग बंद हो गए। ऋषिकेश में चंद्रभागा नदी उफान पर है, जहां एसडीआरएफ ने तीन लोगों को बचाया। देवभूमि इंस्टीट्यूट में 200 छात्र फंस गए थे, जिन्हें सुरक्षित निकाला गया। मुख्यमंत्री धामी ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया। आईएमडी ने देहरादून समेत 8 जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जो 20 सितंबर तक जारी रह सकता है।


हिमाचल प्रदेश में स्थिति
हिमाचल में 15-16 सितंबर की रात से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया। मंडी जिले के धरमपुर में बादल फटने से सोन खड्ड नदी उफान पर आ गई, जिससे बस स्टैंड पूरी तरह डूब गया और दो दर्जन से अधिक एचआरटीसी बसें समेत कई वाहन बह गए। मंडी के सुंदरनगर उपमंडल के नेहरी इलाके (बोई पंचायत) में भूस्खलन के दौरान एक मकान ढह गया, जिसमें एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई। दो अन्य लोगों को बचा लिया गया।
शिमला के हिमलैंड क्षेत्र में सुबह भूस्खलन हुआ, जिससे मुख्य सर्कुलर रोड अवरुद्ध हो गया और स्कूल जाने वाले बच्चों को परेशानी हुई। शिमला में पिछले 12 घंटों में 141 मिमी बारिश दर्ज की गई। कांगड़ा जिले में कुल नुकसान 603 करोड़ रुपये से अधिक का अनुमान है, और मॉनसून के दौरान अब तक 55 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में 561 सड़कें बंद हैं, 237 बिजली ट्रांसफार्मर प्रभावित हैं। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सोशल मीडिया पर नुकसान की जानकारी साझा की।
राहत और बचाव कार्य
- टीमें सक्रिय: एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें देहरादून के सहस्त्रधारा, मालदेवता और मंडी में रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। हेलीकॉप्टर और स्थानीय वॉलंटियर्स की मदद ली जा रही है।
- केंद्रीय सहायता: पीएम मोदी और अमित शाह ने धामी से फोन पर बात की। आईटीबीपी और एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीमें भेजी गई हैं।
- चेतावनी: आईएमडी ने उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश की चेतावनी दी है। प्रभावित इलाकों में स्कूल बंद हैं, और यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।
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