हरिद्वार : (फरमान मलिक) हरिद्वार में विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर इ एम ए के तत्वावधान में बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिकल साइंस एंड कैंसर रिसर्च सेंटर, अलीपुर में लीवर रोगों की जागरूकता, निदान और चिकित्सा पर एक संगोष्ठी आयोजित की गई।

डॉ. चौहान ने बताया कि यकृत में सूजन को हेपेटाइटिस कहते हैं, जो वायरल संक्रमण से होता है और इसके मुख्य प्रकार हैं- हेपेटाइटिस ए, बी, और सी। हेपेटाइटिस बी सबसे अधिक संक्रामक है, जिसके लक्षणों में भूख न लगना, पेट-चेहरे-पैरों में सूजन, त्वचा और आंखों का पीलापन, पीलिया, कमजोरी, थकावट, जी मिचलाना और उल्टी शामिल हैं। अन्य यकृत रोगों में हेपेटोमेगाली, सिरोसिस, लीवर सिस्ट, ट्यूमर, और कार्सिनोमा शामिल हैं। शराब का अत्यधिक सेवन भी लीवर को नुकसान पहुंचाता है।
उन्होंने सुझाव दिया कि मसालेदार भोजन और शराब से परहेज करें। पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकली, नींबू पानी, हल्दी, लहसुन, चुकंदर, गाजर, सेब और अखरोट जैसे खाद्य पदार्थ लीवर को स्वस्थ रखते हैं। डॉ. चौहान ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और रेटिनल स्कैनिंग डायग्नोसिस से लीवर रोग का शुरुआती चरण में पता लगाया जा सकता है। साथ ही, EH एडवांस सपेजरिक मेडिसिन ‘लिवोम’ यकृत रोगों के लिए प्रभावी है।


संगोष्ठी में डॉ. वी. एल. अलखनिया, डॉ. ऋचा आर्या, डॉ. हीना कुशवाहा, डॉ. अमर पाल अग्रवाल, डॉ. बी. बी. कुमार, डॉ. हरबंश सिंह, डॉ. गुलाम साबिर, डॉ. चांद उस्मान, डॉ. अर्सलान, डॉ. आदेश शर्मा, डॉ. सुरेंद्र कुमार, डॉ. सुबोध चौहान सहित अन्य विशेषज्ञ उपस्थित रहे।
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