जयपुर न्यूज़ डेस्क : दो करोड़ रुपये रिश्वत मांगने के मामले में आरोपी निलंबित एएसपी दिव्या मित्तल को जमानत मिलने के एक दिन बाद शनिवार को एसओजी ने अजमेर जेल के बाहर से फिर गिरफ्तार कर लिया. एसओजी में दर्ज एनडीपीएस के तीन मामलों में दिव्या ने ठीक से जांच नहीं की। इस कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया है। अब इस मामले में एसओजी के अधिकारी पूछताछ करेंगे। एडीजी एसओजी अशोक राठौड़ ने बताया कि अभी तक दिव्या मित्तल के खिलाफ एसओजी में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। दिव्या के पास एनडीपीएस की 3 फाइलें थीं। वह लंबे समय से इसकी जांच कर रही थी। इन फाइलों में मित्तल की तरफ से जांच में गड़बड़ी सामने आई है। इसलिए जांच अधिकारी एनडीपीएस एक्ट के तहत दोषी है।
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उन्होंने बताया कि दिव्या मित्तल को आज अजमेर जेल के बाहर से गिरफ्तार किया गया है। तीनों फाइलों पर जांच को लेकर दिव्या से पूछताछ की जाएगी। एसीबी द्वारा पकड़े जाने के 100 दिन बाद आज ही अजमेर जेल से छूटा। दिव्या मित्तल को शुक्रवार को ही हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। अधिवक्ता प्रीतम सोनी ने बताया कि उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सीके सोंगरा की खंडपीठ ने मित्तल को एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत देने का आदेश दिया था।
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जयपुर एसीबी की टीम ने 16 जनवरी को एसओजी की एएसपी दिव्या मित्तल को 2 करोड़ की रिश्वत मांगने के आरोप में अजमेर से गिरफ्तार किया था। दिव्या मित्तल को एसीबी की टीम अजमेर से जयपुर लेकर आई थी। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। दिव्या ने नशा तस्करी के मामले में हरिद्वार की फार्मा कंपनी के मालिक को गिरफ्तार नहीं करने के एवज में बर्खास्त पुलिसकर्मी सुमित कुमार के जरिए यह रिश्वत मांगी थी।
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दरअसल, ड्रग तस्करी को लेकर एएसपी दिव्या मित्तल ने अजमेर के रामगंज थाने में दो और अलवर गेट थाने में एक सहित कुल 3 प्राथमिकी दर्ज कराई थी। तीनों मामलों में देहरादून की दवा कंपनी हिमालय मेडिटेक के निदेशक सुनील नंदवानी को आरोपी बनाया गया था। रामगंज थाने में दर्ज दोनों मामलों को मिलाकर जांच चल रही थी और इन मामलों में ज्यादातर आरोपी पकड़े जा रहे थे.
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यह (रामगंज थाना) भी एक मजबूत मामला था। इसके बावजूद दिव्या ने अलवर गेट थाने में दर्ज मामले में नंदवानी को कमजोर धाराओं में गिरफ्तार किया था। नंदवानी ने जब जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी दी तो दिव्या ने कोर्ट से यह बात भी छिपाई कि वह क्लब के दूसरे मामलों में भी आरोपी है। ऐसे में नंदवानी को हाईकोर्ट से 15 दिन बाद आसानी से जमानत मिल गई। इस मामले में दिव्या मित्तल ने 1 करोड़ की रिश्वत ली थी।