हरिद्वार : साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया सहित देश के शीर्ष पहलवान मंगलवार को गंगा नदी में अपने पदक बहाने सैकड़ों समर्थकों के साथ ‘हर की पौड़ी’ पहुंचे जहां पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी। प्रदर्शन कर रहे पहलवान जैसे अपने विश्व और ओलंपिक पदक गंगा नदी में बहाने को तैयार हुए वैसे ही ‘हर की पौड़ी’ पर काफी भीड़ इकट्ठा हो गयी।
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इस बीच पहलवानों को मनाने के लिए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत हरिद्वार पहुंचे। नरेश टिकैत ने पहलवानों को मेडल ना बहाने की बात पर राजी कर लिया है। टिकैत ने बृजभूषण की गिरफ्तारी के लिए सरकार को 5 दिन का अल्टीमेटम दिया है।
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गंगा में पदक विसर्जित करने उत्तराखंड के हरिद्वार पहुंचे आंदोलनरत पहलवानों ने मंगलवार शाम भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत के अनुरोध के बाद पदक विसर्जन कार्यक्रम पांच दिनों के लिये स्थगित कर दिया। टिकैत ने पहलवानों से पांच दिन का समय मांगा, जिसके बाद पहलवानों ने विसर्जन स्थगित करने की घोषणा की।
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महिला पहलवानों के यौन शोषण को लेकर सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवानों ने अपने मेडल हरिद्वार स्थित हर की पौड़ी पर गंगा में बहाने का एलान किया था। योजना के तहत बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक अपने-अपने पदक गंगा में प्रवाहित करने हरिद्वार पहुंचे और मालवीय घाट के पास बैठ गए। पहलवानों ने कहा कि मेडल उनकी जान और आत्मा हैं। इनके गंगा में बह जाने के बाद उनके जीने का भी कोई मतलब रह नहीं जाएगा इसलिए वे इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे।
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उन्होंने कहा, “हम अंदर से ऐसा महसूस कर रहे हैं कि इस देश में हमारा कुछ बचा नहीं है। हमें वे पल याद आ रहे हैं जब हमने ओलंपिक, विश्व चैंपियनशिप में मेडल जीते थे। अब लग रहा है कि क्यों जीते थे। इन पदकों को हम गंगा में बहा रहे हैं क्योंकि वह गंगा मां हैं। ये पदक सारे देश के लिये ही पवित्र हैं और पवित्र मेडल को रखने की सही जगह पवित्र मां गंगा ही हो सकती हैं।”
यहां से सभी पहलवान खिलाड़ी हर की पौड़ी पहुंचे। इसी दौरान भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता नरेश टिकैत अपने समर्थकों के साथ यहां आ गये और खिलाड़ियों की मान मनौव्वल शुरू हुई। लगभग एक घंटे की बातचीत के बाद सरकार से पांच दिन के भीतर समस्या को सुलझाने के वादे के साथ खिलाड़ियों ने पदक विसर्जित करने की योजना स्थगित कर दी।
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