उत्तरकाशी : (फरमान मलिक) उत्तरकाशी स्थित सिल्क्यारा टनल हादसे में मजदूरों का संकट जल्द ही खत्म हो सकता है. पीएमओ के पूर्व सलाहकार भाष्कर खुल्बे ने बुधवार को कहा कि सिल्क्यारा में जिस रफ़्तार से पाइप डाला जा रहा है, उसके हिसाब से यह रेस्क्यू ऑपरेशन आज रात ही खत्म होने की उम्मीद है. टनल में फंसी मशीनें और डम्फ़र के पाइप के रास्ते में आने की उम्मीद बेहद कम है, क्योंकि ये मलबे में अनुमानित पच्चीस मीटर की आसपास फंसे थे, जिस दूरी को पार कर लिया गया है.
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उन्होंने कहा कि अब तक 800 एमएम का पाइप 40 मीटर भीतर जा चुका है. जानकारों के मुताबिक 53 मीटर पाइप जाने की दशा में मजदूर बाहर निकाले जा सकेंगे. सूत्रों के अनुसार आधिकारिक तौर पर बताया गया है कि 39 मीटर तक पाइप अंदर जा चुका है. बाकी पाइप तेजी से अब अंदर जा रहे हैं. जिस तरह से ड्रिल कर पाइप डाले जा रहे हैं और सब ठीक रहा तो 15 घंटे में ऑपरेशन पूरा किया जा सकता है.
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रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर बीआरओ के मेजर नमन नरूला ने कहा कि वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए हमें एक्सेस सड़क बनाना था जिसमें हमें 1150 मीटर का ट्रैक बनाना था जो कि हमने 20 तारीख को बना दिया था. इस ट्रैक के अंतिम छोर पर दो वर्टिकल ड्रिलिंग होने हैं जिसके लिए दो ड्रिलिंग मशीन पहुंचनी थी जिसमें से एक पहुंच चुकी है.
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फंसे हुए मजदूरों में सबसे ज्यादा झारखंड के
स्टेट डिजाजस्टर मैनेजमेंट के मुताबिक, टनल के अंदर झारखंड के 15, उत्तर प्रदेश के 8, ओडिशा के 5, बिहार के 4, पश्चिम बंगाल के 3, उत्तराखंड के 2, असम के 2 और हिमाचल प्रदेश का एक मजदूर शामिल है। बचाव कार्य देखने पहुंचे CM पुष्कर सिंह धामी ने बताया- सभी मजदूर सुरक्षित हैं, उनसे वॉकी-टॉकी के जरिए संपर्क किया गया है। खाना-पानी पहुंचाया जा रहा है।
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फंसे हुए मजदूरों में से एक गब्बर सिंह नेगी के बेटे को मंगलवार को अपने पिता से कुछ सेकेंड के लिए बात करने की अनुमति दी गई। आकाश सिंह नेगी ने न्यूज एजेंसी PTI को बताया- मेरे पिता सुरक्षित हैं। उन्होंने हमसे चिंता नहीं करने को कहा।
प्लास्टर नहीं होने की वजह से टनल का 60 मीटर हिस्सा धंसा
NDRF के असिस्टेंट कमांडर करमवीर सिंह ने बताया- साढ़े 4 किलोमीटर लंबी और 14 मीटर चौड़ी इस टनल के स्टार्टिंग पॉइंट से 200 मीटर तक प्लास्टर किया गया था। उससे आगे कोई प्लास्टर नहीं था, जिसकी वजह से ये हादसा हुआ।
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घटना की जांच के लिए कमेटी बनाई गई
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर हाईलेवल मीटिंग की। धामी ने बताया- हम रेस्क्यू ऑपरेशन की पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्रालय की ओर से भी घटना की मॉनिटरिंग की जा रही है। उत्तराखंड सरकार ने घटना की जांच के लिए छह सदस्यीय कमेटी बनाई है। कमेटी ने आज जांच शुरू भी कर दी है।