देहरादून : उत्तराखंड में देवभूमि जन सेवा केंद्र पिछले एक साल में डिजिटल भुगतान का बड़ा माध्यम बनकर उभरे हैं। इन केंद्रों के माध्यम से एक साल में 602 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। जो कि अब तक का सबसे उच्च भुगतान है। सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2022-23 में 22,244 जनसेवा केंद्र पंजीकृत(सीएससी) हैं, जिनमें से 12,213 सक्रिय हैं। इनमें 1273 केंद्र ऐसे हैं, जिनका संचालन महिलाएं कर रही हैं।
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ग्राम पंचायतों में 9033 सक्रिय जनसेवा केंद्र स्थापित हैं। वित्तीय वर्ष में इन सीएससी से 56 लाख 29 हजार ट्रांसेक्शन हुए हैं, जिनसे 602 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। यह अब तक का सबसे उच्च स्कोर है। इससे पता चल रहा है कि प्रदेश में तेजी से डिजिटल भुगतान का प्रचलन बढ़ता जा रहा है।
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4 लाख से ज्यादा को प्रमाणपत्र जारी किए जा चुके
दूसरी ओर, प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान के तहत पांच लाख छह हजार ग्रामीण लाभार्थियों को डिजिटल साक्षरता प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसके तहत सात लाख 87 हजार को पंजीकृत किया जा चुका है। इनमें से 6 लाख 678 हजार 565 को प्रशिक्षित किया जा चुका है जबकि 4 लाख 98 हजार 708 को प्रमाणपत्र जारी किए जा चुके हैं।
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इस तरह की 186 सेवाएं मिलती हैं देवभूमि जन सेवा केंद्रों पर
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राज्य व केंद्र की सभी गवर्नमेंट टू सिटीजन(जी2सी) सेवाएं, बैंकिंग सेवाएं, शिक्षण संबंधी सेवाएं, चिकित्सा सेवाएं, बीमा सेवाएं, स्किल डेवलपमें, रोजगार आवेदन की सेवाएं, प्रशिक्षण कोर्स, ट्रैवल बुकिंग सेवाएं, गोल्डन कार्ड, श्रम योगी मानधन योजना पंजीकरण, प्रधानमंत्री किसान मानधन पंजीकरण, प्रधानमंत्री किशान निधि पंजीकरण, आर्थिक गणना आदि।