नयी दिल्ली : (फरमान मलिक) चार साल की स्नातक (यूजी) डिग्री वाले छात्रों को एक साल की स्नातकोत्तर (पीजी) की पढ़ाई करने की अनुमति दी जा सकती है और सभी पीजी छात्र विषयों को बदलने के साथ ही ऑफलाइन, दूरस्थ, ऑनलाइन अथवा हाइब्रिड (मिश्रित) जैसे वैकल्पिक तरीकों को चुन सकेंगे। स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के मानदंडों के मसौदे में यह प्रस्ताव किया गया है।
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यूजीसी ने पीजी पाठ्यक्रमों के लिए एक मसौदा पाठ्यक्रम और खाका तैयार किया है जिसे जल्द सार्वजनिक किया जाएगा। नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में की गई सिफारिशों के अनुसार ऑनर्स/शोध के साथ ऑनर्स चार साल का स्नातक कार्यक्रम पूरा करने वाले छात्रों के लिए एक साल का मास्टर कार्यक्रम हो सकता है।
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मसौदा मानदंडों के अनुसार, ‘‘प्रतीत होता है कि पीजी के तीन स्वरूप हैं जैसे एक-वर्षीय मास्टर, दो-वर्षीय मास्टर और एक एकीकृत पांच-वर्षीय कार्यक्रम।’’
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मसौदा मानदंड के मुताबिक, ‘‘कोई छात्र यूजी कार्यक्रम में मुख्य या अन्य विषय के अनुरूप किसी भी विषय में मास्टर कार्यक्रम के लिए पात्र होगा। इस मामले में विश्वविद्यालय यूजी कार्यक्रम में छात्र के प्रदर्शन के आधार पर या प्रवेश परीक्षा के माध्यम से छात्रों को मास्टर कार्यक्रम में प्रवेश दे सकता है।’’