नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को एक जनहित याचिका दायर की गई है। इस याचिका में एक मेडिकल एक्सपर्ट पैनल बनाने की मांग की गई है, जो कोविशील्ड वैक्सीन के प्रभाव और इसके जोखिमों का आकलन करे।
![](http://www.haridwartimes.in/wp-content/uploads/2024/03/farman-bhai-news1-scaled.jpg)
![](http://www.haridwartimes.in/wp-content/uploads/2023/09/WhatsApp-Image-2023-09-30-at-11.51.10-AM.jpeg)
इस याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट केंद्र सरकार को एक वैक्सीन डैमेज पेमेंट सिस्टम तैयार करने का निर्देश दे, जिससे कोरोना के टीकाकरण अभियान के दौरान गंभीर रूप से प्रभावित हुए लोगों को मुआवजा दिया जा सके।
![](http://www.haridwartimes.in/wp-content/uploads/2024/07/NEW-STAR-1.jpg)
याचिका में ब्रिटेन की अदालत के दस्तावेजों का हवाला दिया गया है जिसके मुताबिक ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया है कि यूरोप में वैक्सजेवरिया और भारत में कोविशील्ड नामक उसकी कोविड-19 वैक्सीन ‘बहुत दुर्लभ मामलों’ में रक्त के थक्के से संबंधित दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है. हालांकि इसका कारण अज्ञात है.
![](http://www.haridwartimes.in/wp-content/uploads/2024/05/WhatsApp-Image-2024-05-01-at-3.25.09-PM.jpeg)
भारत में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का निर्माण पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया गया था. याचिका के अनुसार, भारत में कोविशील्ड की 175 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं.
![](http://www.haridwartimes.in/wp-content/uploads/2024/07/WhatsApp-Image-2024-07-14-at-6.57.29-PM.jpg)
‘कोविशील्ड के दुष्प्रभावों की हो जांच’
अदालत में डाली गई अर्जी में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज के नेतृत्व में एक समिति गठित की जाए और कोविशील्ट के दुष्प्रभावों की जांच की जाए. साथ ही अर्जी में कहा गया कि समिति में एम्स, इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, दिल्ली निदेशक और एक्सपर्ट को सदस्य के तौर पर शामिल किया जाए. वकील तिवारी ने केंद्र से उन नागरिकों या परिवारों के लिए एक ‘वैक्सीन क्षति भुगतान प्रणाली’ स्थापित करने के निर्देश देने की मांग की, जिन्हें टीका लेने के बाद दुर्बल स्वास्थ्य संबंधी झटके या यहां तक कि मृत्यु का सामना करना पड़ा है.
![](http://www.haridwartimes.in/wp-content/uploads/2023/12/WhatsApp-Image-2023-03-01-at-8.47.30-PM.jpeg)