देहरादून: (फरमान मलिक) दोस्ती में सेंध लगाने वाली खौफनाक घटना उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की है. जहाँ इस घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है, जहां दोस्ती का रिश्ता खून से सन गया। मामूली कहासुनी ने इतना भयावह रूप ले लिया कि एक दोस्त ने अपने पुराने मित्र की हथौड़े से वार कर हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और हत्या में इस्तेमाल हथौड़ा भी बरामद कर लिया गया है।

क्या है पूरा मामला?
घटना शुक्रवार शाम करीब 4 बजे की है, जब इंदिरा नगर निवासी शिबरन साहनी (पेशे से राजमिस्त्री) और करनपुर निवासी संतोष साहू (सब्जी विक्रेता) दून क्लब के पास बारिश से बचने के लिए खड़े थे। दोनों लंबे समय से दोस्त थे और अक्सर साथ समय बिताते थे। इस दौरान संतोष ने मजाक में शिबरन से लूडो खेलने की बात कही, लेकिन मजाक ने जल्द ही तीखी नोकझोंक का रूप ले लिया। शिबरन को कुछ बातें नागवार गुजरीं, जिससे वह गुस्से से आगबबूला हो गया।
विवाद से हत्या तक का सफर
विवाद बढ़ने पर दोनों के बीच धक्का-मुक्की हुई। संतोष ने माहौल शांत करने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान खींचतान में शिबरन के चेहरे पर संतोष के कड़े से चोट लग गई। संतोष ने दोस्ती निभाते हुए शिबरन को मरहम-पट्टी के लिए अस्पताल ले जाने की पेशकश की और उसे अपने स्कूटर पर बैठाकर रोजगार तिराहे की ओर चल पड़ा। लेकिन रास्ते में शिबरन का गुस्सा ठंडा होने के बजाय और भड़क गया। उसने अपने थैले से हथौड़ा निकाला और स्कूटर पर चलते-चलते ही संतोष के सिर पर जोरदार वार कर दिया। दोनों स्कूटर से नीचे गिरे, लेकिन शिबरन का गुस्सा यहीं नहीं रुका। उसने संतोष के सिर पर एक के बाद एक कई वार किए, जिससे संतोष लहूलुहान हो गया।

अस्पताल में मौत, पुलिस की त्वरित कार्रवाई
स्थानीय लोगों ने गंभीर रूप से घायल संतोष को तुरंत कोरोनेशन अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक के भाई राहुल साहू ने डालनवाला थाने में हत्या की FIR दर्ज कराई। देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) अजय सिंह ने बताया, “आरोपी शिबरन साहनी को गिरफ्तार कर लिया गया है। हत्या में इस्तेमाल हथौड़ा भी बरामद कर लिया गया है। आरोपी को शनिवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा।”

स्थानीय लोगों में दहशत
इस घटना ने स्थानीय लोगों में दहशत फैला दी है। दोस्ती जैसे पवित्र रिश्ते में इतनी क्रूरता ने सभी को हैरान कर दिया। लोग इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि आखिर एक छोटा-सा विवाद इतनी बड़ी त्रासदी में कैसे बदल गया। उत्तराखंड पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई कर लोगों का भरोसा जीता है, लेकिन यह घटना समाज में बढ़ते गुस्से और सहनशीलता की कमी पर गंभीर सवाल उठाती है।