Ministry of Minority Affairs दिल्ली: अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है । अल्पसंख्यक मंत्रालय की आंतरिक जांच में मदरसों समेत कई अल्पसंख्यक संस्थान फर्जी पाए गए है। जांच में सामने आया है कि देश भर में महज 5 सालों में 144.83 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। इस मामले को अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी ने सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है।
अल्पसंख्यक मंत्रालय ने देश भर के 100 जिलों में आंतरिक जांच करवाई थी जिसमें सामने आया कि 21 राज्यों के 1572 संस्थानों में 830 संस्थान फर्जी हैं। इन 830 संस्थानों में 5 सालों में 144.83 करोड़ का घोटाला हुआ है और लगभग 53 प्रतिशत अभ्यर्थी फर्जी हैं। जांच में छत्तीसगढ़ के 62 संस्थान की जांच कराई गई जिनमें सभी फर्जी पाए गए, राजस्थान में 128 संस्थानों में 99 फर्जी पाए गए.
जांच में कई चैकाने वाली बातें सामने आई जैसे केरल में एक बैंक शाखा ने 66,000 छात्रवृत्तियां दी जो अल्पसंख्यक छात्रों की पंजीकृत संख्या से अधिक है, वैसे ही जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग के एक कॉलेज में पंजीकृत छात्रों की संख्या 5,000 है और छात्रवृत्तियों की कुल संख्या 7,000.
नोडल अधिकारी भी जांच के घेरे में
संस्थानों के नोडल अधिकारियों ने ओके रिपोर्ट कैसे दे दी, कैसे जिला नोडल अधिकारी ने फर्जी मामलों का सत्यापन किया और कितने राज्यों ने घोटाले को वर्षों तक जारी रहने दिया आदि की जांच सीबीआई करेगी। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के एक सूत्र ने इंडिया टुडे को बताया कि बैंकों ने लाभार्थियों के लिए फर्जी खाते खोलने की अनुमति कैसे दी. फर्जी आधार कार्ड और केवाईसी की जांच चल रही है।
सीबीआई करेगी जांच
अब मंत्रालय ने फर्जीवाडे की पुरी जांच केंद्रिय जांच एजेंसी सीबीआई को सौंप दी है। देश भर के 21 राज्यों की 1572 संस्थानों में 830 संस्थान फर्जी पाए गए हैं जिनमें 144.83 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है, ये आंकड़े शुरुआती जांच के है।