नई दिल्ली : SIM CARD RULES (फरमान मलिक) दूरसंचार विभाग (DoT) ने अगस्त में सरकार द्वारा अधिसूचित नए सिम कार्ड बिक्री नियमों का पालन करने के लिए दूरसंचार ऑपरेटरों को दो महीने का अतिरिक्त समय दिया है. नए नियमों में कहा गया है कि टेलीकॉम कंपनियों को सिम कार्ड विक्रेताओं को पंजीकृत करने और उन्हें सिस्टम में शामिल करने से पहले उनकी उचित KYC करनी होगी.
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साथ ही बल्क सिम कार्ड की बिक्री पर रोक लगाई गई है. यह नियम 1 अक्टूबर से लागू होने थे, लेकिन अब 1 दिसंबर से लागू होंगे. एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि टेलीकॉम कंपनियों ने इन निर्देशों के कार्यान्वयन के लिए अतिरिक्त समय मांगा क्योंकि इसके लिए उनके आईटी सिस्टम में बदलाव की आवश्यकता थी. ऐसे में सरकार ने इसके आधार पर एक बार का विस्तार दिया है.
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लगेगा 10 लाख का जुर्माना
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नए नियमों के अनुसार, अगर टेलीकॉम कंपनियां 30 नवंबर के बाद किसी भी विक्रेता को बिना रजिस्ट्रेशन के सिम कार्ड बेचने की इजाजत देती है तो उन पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. सरकारी नियमों के अनुसार, सभी डीलरों को 30 नवंबर 2023 तक रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक है. रजिस्ट्रेशन के संबंध में, प्रक्रिया में सिम कार्ड विक्रेता और टेलीकॉम कंपनियों के बीच एक लिखित समझौता अनिवार्य है.
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सरकार क्यों लाई नए नियम
फर्जी सिम कार्ड और वित्तीय धोखाधड़ी के खतरे को रोकने के लिए सरकार द्वारा नए नियम पेश किए गए है. यह पाया गया कि कई विक्रेता उचित सत्यापन के बिना सिम कार्ड जारी कर रहे थे और स्वयं ऐसी अवैध गतिविधियों में लिप्त थे. सरकार ने कहा कि अवैध गतिविधियों में लिप्त विक्रेताओं के काम को रोक दिया जाएगा और तीन साल की अवधि के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा.
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बिजनेस कनेक्शंस
फिलहाल देश में 10 लाख सिम कार्ड विक्रेता हैं. वहीं, देखा गया है कि लोग बल्क में सिम कार्ड ले जाते हैं और कंपनियों द्वारा भी उनका दुरुपयोग किया गया है, इसलिए सरकार ने इसके बजाय बिजनेस कनेक्शंस नामक एक नया सिस्टम शुरू किया है. बता दें कि सरकार ने अब तक फर्जी सिम कार्ड गतिविधियों में शामिल करीब 70,000 डीलरों को ब्लैकलिस्ट में डाल दिया है और साइबर धोखाधड़ी में शामिल लोगों के खिलाफ 300 FIR दर्ज की हैं.