देहरादून : पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड और दिव्य फार्मेसी की 14 दवाइयों के विनिर्माण लाइसेंस निलंबित किए जाने संबंधी हाल के एक आदेश के क्रियान्वयन पर शुक्रवार को अंतरिम रोक लगा दी गयी।
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मामले की जांच कर रही एक उच्च स्तरीय समिति ने अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कहा कि दवाइयों के विनिर्माण का लाइसेंस निलंबित किए जाने का आदेश अवैध है और लाइसेंसिंग प्राधिकरण को इस आदेश को उस तरीके से पारित नहीं करना चाहिए था जैसे उसने किया।
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देश के आयुष सचिव पंकज कुमार पांडेय ने अपने आदेश में कहा कि समिति की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर कंपनियों के दवाइयां बनाने के लाइसेंस निलंबित करने के आदेश के क्रियान्वयन पर तत्काल प्रभाव से अंतरिम रोक लगाई जा रही है ।
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कंपनियों ने राज्य औषधि लाइसेंसिंग प्राधिकरण के आदेश को चुनौती दी थी। आदेश में कहा गया है कि चूंकि कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया का पालन किए बिना लाइसेंस निलंबित किया गया है, इसलिए समिति इस संबंध में उचित निर्णय के लिए उत्तराखंड सरकार को अपनी रिपोर्ट जमा कर रही है।
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राज्य औषधि लाइसेंसिंग प्राधिकरण, आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाओं ने 15 अप्रैल को दोनों कंपनियों द्वारा बनाई जा रहीं 14 दवाइयों के लाइसेंस निलंबित कर दिए थे।
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