NIA Raid: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार (17 मई) को आतंकवाद, नशे के तस्करों और गैंगस्टरों के गठजोड़ के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. एनआईए ने छह राज्यों हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश में 120 से ज्यादा स्थानों पर छापेमारी की. प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के सदस्य जसविंदर सिंह मुल्तानी के सहयोगियों के परिसरों पर भी तलाशी ली.
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जसविंदर सिंह मुल्तानी पिछले साल चंडीगढ़ में मॉडल बुड़ैल जेल के पास बम लगाने में शामिल था. उसे 2021 में लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट के मास्टरमाइंड के आरोप में जर्मनी में गिरफ्तार किया गया था. एनआईए की टीमों ने आतंक-नशीले पदार्थों-तस्करों-गैंगस्टरों की सांठगांठ के खिलाफ दर्ज पांच मामलों के जवाब ये छापेमारी अभियान चला रखा है.
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200 से ज्यादा सदस्यों की टीम में मारी छापेमारी
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एनआईए सूत्रों के मुताबिक विदेशों में बैठे गैंगस्टर कथित तौर पर खालिस्तानी अलगाववादियों को फंडिंग कर आतंक फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि एनआईए के 200 से अधिक रेड टीम के सदस्य 100 से अधिक स्थानों पर छापेमारी में मौजूद थे. जसविंदर सिंह मुल्तानी को एसएफजे के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू का करीबी सहयोगी माना जाता है और कथित तौर पर अलगाववादी गतिविधियों में शामिल है.
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क्यों लगाया गया था एसएफजे पर प्रतिबंध?
जसविंदर सिंह मुल्तानी ने कथित तौर पर 2020-2021 में किसानों के विरोध के दौरान सिंघू बॉर्डर पर किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल की हत्या की साजिश रची थी. उसने कथित तौर पर बलबीर सिंह राजेवाल को मारने के लिए एक जीवन सिंह को कट्टरपंथी बनाया. 2019 में, केंद्र ने पंजाब में अलगाववादी एजेंडे और हिंसक उग्रवाद को बढ़ावा देने के लिए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत एसएफजे पर प्रतिबंध लगा दिया था. सरकार ने कहा कि उनकी गतिविधियों का उद्देश्य समुदायों के बीच विभाजन पैदा करना और राज्य में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ना है.
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