नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने सीएम अरविंद केजरीवाल की याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस जारी किया है। इसमें मुख्यमंत्री केजरीवाल की गिरफ्तारी और रिमांड की वैधता और वैधानिकता पर सवाल उठाए गए हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने मुख्य याचिका के साथ-साथ याचिकाकर्ता की अंतरिम रिहाई के लिए आवेदन पर 2 अप्रैल तक ईडी से जवाब मांगा है।
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जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ ने कहा कि प्रतिवादी/ईडी को जवाब दाखिल करने का मौका दिया जाना चाहिए, क्योंकि यह प्रभावी प्रतिनिधित्व का अवसर है। इस अवसर से इनकार करना निष्पक्ष सुनवाई से इनकार करने और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों में से एक का उल्लंघन करने के समान होगा। यानी ऑडी-एल्टेरम पार्टेम, जो दोनों पक्षों पर लागू होता है, न कि केवल एक पर।
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अदालत ने आगे कहा कि हिरासत से किसी भी तरह की रिहाई का आदेश याचिकाकर्ता अरविंद केजरीवाल को जमानत या अंतरिम जमानत पर रिहा करने के समान होगा। ये एक अंतरिम उपाय है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत रिट क्षेत्राधिकार सामान्य रूप से सीआरपीसी की धारा 439 के तहत जमानत के उपाय का विकल्प नहीं है।
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