हरिद्वार : (जीशान मलिक) एनएसयूआई के पूर्व पदाधिकारियों का आरोप है कि प्रदेश अध्यक्ष द्वारा बिना किसी को विश्वास में लिए नए पदाधिकारियों की घोषणा कर दी गई। पूर्व राष्ट्रीय सचिव और पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष गौरव शर्मा ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि जो लोग एनएसयूआई को अभी तक जिले में सींच रहे हैं प्रदेश अध्यक्ष को पहले उनसे वार्ता करनी चाहिए थी। जो पदाधिकारी नियुक्त किए गए हैं उनमें से कई सिर्फ और सिर्फ सिफारिश के आधार पर किए गए। बिना काबिलियत और जो छात्रों के बीच नहीं हैं उन्हें पद बांटे गए। उन्होंने कहा कि जो संगठन के कार्यक्रम में कभी नहीं पहुंचे उन्हें पदाधिकारी बना दिया गया।
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पूर्व प्रदेश सचिव वसीम सलमानी, पूर्व महानगर अध्यक्ष चन्द्रशेखर चौधरी ने कहा कि छात्रों की लड़ाई और उनके मुद्दों को उठाने वाले नेताओं को पदाधिकारी नियुक्त करना चाहिए था। इस प्रकार से सिफारिश के आधार पर पद बांटना बहुत गलत निर्णय है। जो छात्रों के हित की बात करता है उसे दरकिनार किया गया। आगामी छात्र संघ चुनाव में संगठन को नुकसान होगा। आलाकमान को विचार करना चाहिए और उपयुक्त छात्र नेताओं को पद वितरित करना चाहिए।
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पूर्व प्रदेश महासचिव सोशल मीडिया इंचार्ज भुवन महेंद्र, पूर्व शहर महासचिव अभिषेक मिश्रा, पूर्व शहर सचिव ऋषभ महेंद्रु, दीपक पांडे, मयंक वर्मा, कादिर अंसारी, फरमान गिट्टी, सोहेल, अंकित वर्मा, सचिन आदि छात्र नेताओं ने भी अपना विरोध प्रकट किया।
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