देहरादून : आय से अधिक संपत्ति कर मामले में जेल में बंद उत्तरखंड के पूर्व आईएएस राम विलास यादव को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया। रामविलास को शनिवार को देहरादून की सुद्धोवाल जेल से ईडी द्वारा गिरफ्तार किया गया। इसके बाद फिर उन्हे सुद्धोवाला जेल भेज दिया गया। इस बात की जानकारी ईडी ने स्वयं दी। ईडी के अनुसार, पिछले दिनों रामविलास यादव के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। मामले में पूछताछ के लिए सुद्धोवाला जेल में यादव की गिरफ्तारी की गई थी।
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जेल में रहते ही हुए सेवानिवृत्त
बता दें कि पूर्व आईएएस रामविलास यादव को विजिलेंस की टीम ने 23 अप्रैल 2022 को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। लेकिन, उन्होंने पूछताछ में सही जवाब नहीं दिया था। करीब 11 घंटे पूछताछ के बाद यादव को विजिलेंस ने गिरफ्तार कर लिया। उनकी सेवानिवृत्ति भी जेल में रहते ही हुई है। यादव पर आरोप है कि उन्होने उत्तराखंड में रहते हुए कई गुना ज्यादा संपत्ति बना ली। विजिलेंस की टीम ने जांच में पाया कि उन्होने करीब 78 लाख रूपए की कमाई की, जबकि उनके पास 21 करोड़ रुपए की संपत्ति पाई गई। रामविलास यादव की ज्यादातर तैनाती उत्तर प्रदेश में रही।
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जानकारी के मुताबिक पूर्व आईएएस रामविलास यादव साल 2017 में कैडर बदलवाकर उत्तराखंड चले गए। जहां उन्हे समाज कल्याण विभाग के अपर सचिव की जिम्मेदारी दी गई। इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच की सिफारिश की। विजिलेंस के अधिकारियों के मुताबिक जब उनकी आय से संपत्तियों की तुलना की गई तो यह करीब 2600 फीसदी ज्यादा निकली। ये सारी संपत्तियां उनके रिश्तदारों के नाम हैं। उनकी पत्नी के नाम पर स्कूल, पैतृक गांव में आलीशान मकान, जमीन, देहदून में संपत्तियां इसके अलावा लखनऊ में कई संपत्तियां मिलीं।
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