ऋषिकेश : ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश उत्तराखंड में पहली बार चिकित्सकों ने कंधे से अलग हुए हाथ को फिर से जोड़कर उपलब्धि की नई इबारत लिख दी। एम्स की प्रभारी निदेशक प्रो डा मीनू सिंह ने सोमवार को यूनीवार्ता के लिए बताया कि पिथौरागढ़ जिले के धारचूला से हेली एंबुलेंस से एक मरीज शरीफ अंसारी पुत्र कयामुद्दीन अंसारी को थैली में रखे उसके कटे हाथ के साथ 20 मई को एम्स लाया गया।
कंक्रीट मशीन में काम करते हुए इस व्यक्ति का हाथ कंधे से कटकर अलग हो गया था। कटे हाथ को गीले, साफ कपड़े में लपेटकर, आइस क्यूब कंटेनर में रखकर मरीज के साथ पहुंचाया गया। आपात स्थिति में एम्स के ट्राॅमा विभाग के शल्य चिकित्सकों की टीम ने घायल व्यक्ति के कटे हाथ को जोड़़ने की सर्जरी शुरू की और पांच घंटे की अथक मेहनत के बाद घायल को नया जीवन प्रदान करने में सफलता हासिल की।
उन्होंने बताया कि एम्स में भर्ती इस युवक का हाथ अब जुड़ चुका है और वह रिकवरी पर है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में इस तरह की यह पहली सर्जरी है, जिसमें शरीर से पूरी तरह अलग हो चुके हाथ को फिर से जोड़ा गया है।