देहरादून: (फरमान मलिक) शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत मुफ्त शिक्षा के लिए फर्जी आय प्रमाण पत्रों का मामला अब पूरे उत्तराखंड में जांच के दायरे में आ गया है। हल्द्वानी में हाल ही में हुए खुलासे के बाद, जहां 15-15 हजार रुपये में फर्जी आय प्रमाण पत्र बनाए जाने की बात सामने आई थी, शिक्षा विभाग ने सभी जिलों में इसकी जांच शुरू करने का फैसला किया है।

हल्द्वानी में स्थानीय जांच के दौरान 17 लोगों के आय प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा महानिदेशक दीप्ति सिंह ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में आरटीई के तहत हुए दाखिलों में इस्तेमाल आय प्रमाण पत्रों की गहन जांच करें। इसके अलावा, सभी जिलाधिकारियों से तहसील स्तर पर जारी आय प्रमाण पत्रों की पड़ताल में सहयोग करने को कहा गया है।

शिक्षा महानिदेशक ने बताया कि कुछ लोग गलत तरीके से फर्जी दस्तावेजों के जरिए अपने बच्चों का दाखिला करा रहे हैं। विभाग अब ऐसी अनियमितताओं पर सख्ती से कार्रवाई करेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन छात्रों के दाखिले फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर हुए हैं, उन्हें रद्द कर दिया जाएगा और पात्र छात्रों को मौका दिया जाएगा।

यह कदम आरटीई के तहत शिक्षा के अधिकार को सुनिश्चित करने और पारदर्शिता बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

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