नई दिल्ली : पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में बाबा राम रहीम को बड़ी राहत देते हुए उसे दोषमुक्त कर दिया है। इस मामले में सीबीआई की अदालत ने राम रहीम को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जिसे अब उम्रकैद से राहत मिल गई है।
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गुरमीत राम रहीम के वकील जतिंदर खुराना ने बताया कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को बदल दिया है और इसमें शामिल सभी पांच लोगों को बरी कर दिया गया है। इस निर्णय का हम भी बहुत स्वागत करते हैं और यह न्यायिक प्रक्रिया की निष्कर्षता को दर्शाता है।
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बताते चलें कि रणजीत सिंह सिरसा डेरे का मैनेजर था, जिसकी 22 साल पहले गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. एक साध्वी ने पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी को चिट्ठी लिखकर राम रहीम की जांच की मांग की थी. डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत सिंह ने ये गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी.
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इससे पहले हाई कोर्ट ने अदालत की अनुमति के बिना अगले आदेश तक डेरा प्रमुख को पैरोल देने पर रोक लगा दी थी. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जी.एस.संधावालिया और न्यायमूर्ति लपिता बनर्जी की पीठ शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को अस्थायी रूप से रिहा करने के फैसले को चुनौती दी गई थी. गुरमीत सिंह को 19 जनवरी को 50 दिन की पैरोल दी गई थी. इससे करीब दो महीने पहले भी डेरा प्रमुख को 21 नवंबर 2023 में 21 दिन की छुट्टी दी गई थी, जो रोहतक के सुनारिया जेल से 2023 में तीसरी अस्थायी रिहाई थी.