देहरादून. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में आरोपी आईएएस रामविलास यादव को सस्पेंड कर दिए जाने के बाद देर रात उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. बुधवार और गुरुवार की दरमियानी रात 12 बजे के बाद तक विजिलेंस ने यादव से कड़ी पूछताछ की और उसके बाद उनकी गिरफ्तारी कर ली गई. उत्तराखंड में पहले भी नौकरशाहों पर आरोप तो लगते रहे हैं, लेकिन यह पहली बार है जब किसी आईएएस अफसर की करप्शन के आरोप में गिरफ्तारी हुई है.
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समाज कल्याण और कृषि विभाग में अपर सचिव के पद पर सेवा दे रहे यादव के खिलाफ जांच में सहयोग न करने के कारण सीएम धामी ने बुधवार की शाम उन्हें सस्पेंड करने का एक्शन लिया था. इससे पहले हाई कोर्ट ने उन्हें विजिलेंस के सामने पेश होने का आदेश दिया था, जिसके बाद बुधवार 22 जून की दोपहर करीब 1 बजे से विजिलेंस ने उनसे पूछताछ का सिलसिला शुरू किया, जो बुधवार की रात 12 बजे के बाद तक चलता रहा.
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बताया जा रहा है कि यादव ने विजिलेंस टीम को जिस तरह से जवाब दिए, वो संतोषजनक नहीं पाए गए. आखिरकार देर रात 2 बजे के आसपास उनकी गिरफ्तारी हुई. इसी 30 जून को रिटायर होने से करीब एक हफ्ते पहले ही यादव के खिलाफ इस बड़ी कार्रवाई से पूरी नौकरशाही में एक सनसनी और कई तरह की सुगबुगाहटें देखी जा रही हैं. गौरतलब है कि रामविलास यादव पर आय से 500 गुना अधिक यानी करीब 500 करोड़ रुपये की सपंत्ति अर्जित करने के आरोप हैं.
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अब आगे क्या कार्रवाई हो सकती है? माना जा रहा है कि विजिलेंस की टीम यादव को कोर्ट में पेश कर उन्हें रिमांड पर लेने की मांग करेगी ताकि और पूछताछ की जा सके. इधर, यादव के वकील हाई कोर्ट की शरण लेकर ज़मानत अर्जी दाखिल कर सकते हैं. आगे की कार्रवाई को लेकर जल्द ही तस्वीर साफ हो जाएगी लेकिन इस बड़ी कार्रवाई से उत्तराखंड की सियासत और नौकरशाही में भूचाल तो आ ही गया है.
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आपको बता दें कि यादव इससे पहले उत्तर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में थे और यूपी सरकार ने भी उनकी विजिलेंस जांच करवाई थी. लेकिन इस जांच रिपोर्ट के आने से पहले ही वह अपने उत्तराखंड मूल कैडर में आ गए थे. पीसीएस से प्रोन्नति पाकर आईएएस कैडर में आए यादव के खिलाफ यूपी सरकार ने उत्तराखंड सरकार से जांच करवाए जाने के लिए पत्र लिखा था. इसके बाद पिछले दिनों यादव के यूपी और उत्तराखंड के ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई भी की गई थी.
आपको बता दें कि यादव इससे पहले उत्तर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में थे और यूपी सरकार ने भी उनकी विजिलेंस जांच करवाई थी. लेकिन इस जांच रिपोर्ट के आने से पहले ही वह अपने उत्तराखंड मूल कैडर में आ गए थे. पीसीएस से प्रोन्नति पाकर आईएएस कैडर में आए यादव के खिलाफ यूपी सरकार ने उत्तराखंड सरकार से जांच करवाए जाने के लिए पत्र लिखा था. इसके बाद पिछले दिनों यादव के यूपी और उत्तराखंड के ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई भी की गई थी.
Source – News18
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