लक्सर: (आसिफ मालिक) लक्सर राष्ट्रीय एकता के प्रतीक हज़रत शाह शहीद उर्फ काठापीर के सालाना उर्स के अवसर पर आल इंडिया राष्ट्रीय एकता कवि सम्मेलन व मुशायरे का आयोजन किया गया जिसमें कवियों व शायरों ने देशप्रेम,सौहार्द,प्रेम के साथ साथ देश की वर्तमान परिस्थितियों पर शायरी सुना कर श्रोताओं को सुबह तक मंत्रमुग्ध किये रखा।
मुख्य अतिथि एस डी एम लक्सर गोपाल राम बिनवाल ने कहा कि समाज मे एकता व सौहार्द का वातावरण बनाने में कवियों व शायरों का बहुत योगदान है।उन्होंने कहा कि जो एक आम आदमी अनेक पृष्ठों में नही कह सकता कवि उनको दो पंक्तियों में कह कर मन मोह लेता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अंतरराष्ट्रीय शायर अफ़ज़ल मंगलोरी ने कहा कि आज के हालात में केवल कवि और शायर ही देश मे प्रेम और मोहब्बत का पैगाम दे कर देशवाशियों को आपस में मिलाने का काम कर सकते हैं जबकि राजनेता तो केवल नफरत का माहौल बना रहे हैं जिससे बचने के ज़रूरत है।बहुत दिनों के बाद क्षेत्र में कामयाब कार्यक्रम में अफ़ज़ल मंगलोरी, हुक्का बिजनोरी, डॉ शुभम त्यागी,सुल्तान जहाँ, किरण प्रभा,राही निज़ामी, अफ़रोज़,नईम देवबन्दी, कलीम वफ़ा जैसे शायरों कवियों ने समा बांध दिया।
इस अवसर पर रूडकी एडवोकेट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष प्रवीण तोमर, महिला नेत्री रश्मि चोधरी, ज़िला पंचायत सदस्य अदनान शाहनवाज, नासिर अली,गुलशेर अली,डॉ नवीन बंसल,डारेक्टर वारीस अहमद, राव बिलावल एडवोकेट, आरिफ रशीद, मैनेजर,रमज़ान ज़ख्मी,आदि ने विचार व्यक्त किये।
मुशायरे में हास्य कविताओं से श्रोताओं को लोटपोट करते हुए विश्वप्रसिद्ध कवि हुक्का बिजनोरी ने पढ़ा,,,,,,,
आज की पुलिस और ईमानदारी श्रीमान ।
सरदारों के मोहल्ले में नाइ की दुकान।
अफ़ज़ल मंगलोरी ने वाहवाही लूटते हुए फरमाया,,,,,,,
मसअला घर का है,बाहर इसे भेजा न करो।
धर्म की आड़ में,अब देश को रुसवा न करो।
मेरठ से पधारी प्रोफेसर शुभम त्यागी में राष्ट्रीय एकता को दर्शाते तालियों की गूंज में वाहवाही लूटते हुए पढ़ा,,,,,,,
मोहब्बत का मैं लेकर आई हूं पैग़ाम कविता में।
किसी की सुबह कविता में किसी की शाम कविता में।
दिलों से नफ़रतें सबके मिटाना चाहती हु मैं।
किसी के हैं मोहम्मद तो किसी के राम कविता में।
नईम अख्तर देवबन्दी ने अपना दर्द यूँ बयान किया,,,,,
मुज़फ्फरनगर के शायर कलीम वफ़ा ने अपने खास अंदाज में फ़रमाया,,,,,,,
पीलीभीत पूरन पुर से तशरीफ़ लाई युवा शायर ने अपने कलाम का जादू बिखेरते हुए युवाओं को दाद देने पर मजबूर कर दिया,उन्होंने पढ़ा,,,,,,,
शायर अफ़रोज़ टांड़वी ने मुशायरे में तहलका मचाते हुए पढ़ा,,,,,,,,
युवा कवि हिदाया सिकन्द्रपुरी ने यूँ पढ़ा, ,,,,,,,
खुर्जा से आई कवियित्री किरण प्रभा गुप्ता ने कुछ इस प्रकार दाद पाई,,,,,,,,
युवा शायर नूर देवबन्दी ने वाहवाही लूटते हुए यूँ रंग जमाया
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अंत में मेला ठेकेदार वारीस अहमद ने सबका आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर आफताब खान पत्रकार, फरमान खान पत्रकार राव बिलावल एडवोकेट,हारून मैनेजर,नासिर अली,इमरान देशभक्त, सयैद नफ़ीसुल हसन, सपना चौहान, कलीम वफ़ा, मास्टर अनवार, आज़म भारती,आदि मौजूद रहे।
एस डी एम लक्सर को उत्तराखंड नागरिक सम्मान समिति की ओर से प्रवीण तोमर एडवोकेट ने शाल और मोमेंटो देकर सम्मानित किया।