देहरादून : उत्तराखंड के दारोगा भर्ती घोटाले में 20 संदिग्ध उप निरीक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया है । दारोगा भर्ती घोटाला वर्ष 2015-16 में हुआ था । पुलिस दारोगा भर्ती परीक्षा के मामले में 7 साल बाद एक्शन हुआ है । 20 संदिग्ध दारोगाओं को सस्पेंड कर दिया गया है । एडीजी लॉ एंड ऑर्डर डॉ . वी मुरुगेशन ने संबंधित आदेश जारी किया है । जिलों के पुलिस कप्तानों को निलंबन के निर्देश भेज दिए गए हैं । विजिलेंस की शुरुआती रिपोर्ट में 20 इंस्पेक्टर के नाम सामने आए हैं , जिन्होंने धोखाधड़ी और नकल से यह परीक्षा उत्तीर्ण की थी । वर्ष 2015 में 339 दारोगाओं की भर्ती हुई थी ।
![](http://www.haridwartimes.in/wp-content/uploads/2024/03/farman-bhai-news1-scaled.jpg)
![](http://www.haridwartimes.in/wp-content/uploads/2023/09/WhatsApp-Image-2023-09-30-at-11.51.10-AM.jpeg)
UKSSSC की भर्ती घपले की जांच के बाद गिरफ्तार नकल माफिया से एसटीएफ की पूछताछ में इस भर्ती परीक्षा में नकल की बात उजागर हुई । दारोगा भर्ती की जिम्मेदारी गोविंद बल्लभ पंत यूनिवर्सिटी को दी गई थी । जांच के बाद इस मामले में यूनिवर्सिटी का एक रिटायर्ड अधिकारी भी गिरफ्तार किया गया था । इस भर्ती प्रकरण से हाकम सिंह रावत का नाम भी जुड़ा है । एडीजी द्वारा जारी आदेश के अनुसार संदिग्ध दारोगा जांच पूरी होने तक निलंबित रहेंगे । इस बारे में एडीजी डॉ . वी मुरुगेशन ने संबंधित जनपदों के कप्तानों को निर्देश दिए हैं । बताया जा रहा है कि इस एक्शन के बाद संबंधित दारोगाओं में हड़कंप मच चुका है ।
![](http://www.haridwartimes.in/wp-content/uploads/2024/07/NEW-STAR-1.jpg)