नई दिल्ली : हेट स्पीच मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को हेट स्पीच (Hate Speech) के खिलाफ खुद ही संज्ञान लेकर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को बनाए रखने के लिए धर्म की परवाह किए बिना गलती करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करे. अब इस मामले की अगली सुनवाई 12 मई को होगी.
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ यूपी, दिल्ली और उत्तराखंड की सरकार को ये आदेश दिया था. लेकिन अब ये आदेश पूरे देश के राज्यों को दे दिया है. सुनवाई के दौरान जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा कि हेट स्पीच राष्ट्र के ताने-बाने को प्रभावित करने वाला गंभीर अपराध है. ये हमारे गणतंत्र को प्रभावित करता है. धर्म के नाम पर हम कहां पहुंच गए हैं? ये दुखद है.
स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई का निर्देश देते हुए कोर्ट ने कहा – सर्वोच्च न्यायालय ये स्पष्ट करता है कि संविधान की प्रस्तावना में जैसी कल्पना की गई है, भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को संरक्षित रखा जा सके इसलिए तत्काल एक्शन लिया जाना चाहिए.
पुलिस शिकायत का इंतजार न करें- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा है कि किसी भी तरह की हेट स्पीच में राज्यों की पुलिस किसी औपचारिक शिकायत का इंतजार नहीं करें और स्वयं संज्ञान लेकर मामला दर्ज करें. कोर्ट ने ये भी साफ कर दिया है कि इस तरह के मामलों में किसी भी तरह की कोताही को अदालत की अवमानना के रुप में देखा जाएगा. कोर्ट ने कहा कि जहां भी किसी तरह की हेट स्पीच दी जाती है, उस राज्य की पुलिस बिना किसी भेदभाव के तुरंत संज्ञान लेकर एफआईआर करेगी.
नेहरू और वाजपेयी का किया था जिक्र
गौरतलब है भारत के कई हिस्सों में हेट स्पीच से जुड़े मामले सामने आए है. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं भी दायर की गई है. कोर्ट ने हाल फिलहाल के समय सरकार के खिलाफ कड़ी टिप्पणी भी की है. सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा था कि राजनीति औऱ धर्म अलग हो जाएंगे और नेता राजनीति में धर्म का उपयोग बंद कर देंगे तब हेट स्पीच बंद हो जाएगी.