हरिद्वार : (फरमान मलिक) माह-ए-रमजान के आखिरी शुक्रवार को देश भर में अलविदा की नमाज अदा की गई। हरिद्वार जिले के ज्वालापुर, रुड़की, बहादराबाद, पिरान कलियर, भगवानपुर, लक्सर सहित सभी क्षेत्रो व गांव की मस्जिदों में अल्लाह की इबादत में हजारों रोजेदारों के सिर झुके और मुल्क की बेहतरी के लिए दुआ मांगी। अलविदा की नमाज के दौरान पुलिस प्रशासन की ओर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए।
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पिरान कलियर के मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्रों में सुबह से ही अलविदा जुमा की तैयारी शुरू हो गई। जामा मस्जिद को आकर्षक ढंग से सजाया गया। दोपहर को पुरुषों ने मस्जिदों में जाकर नमाज अदा की। रुड़की स्थित मस्जिद में भी रोजेदारों ने नमाज पढ़ी। नए कुर्ता पायजामा पहनकर छोटे छोटे बच्चे भी जुमा अलविदा की नमाज में शामिल हुए।
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क्या होता हैं अलविदा
अलविदा का अर्थ है किसी चीज का जाना या रुखसत होना। रमजान के सबसे आखिरी जुमे को अलविदा के नाम से पुकारा जाता है, चूंकि उसके बाद कोई जुमा नहीं आता और सीधे ईद आती है। इसलिए आखिरी जुमे को पढ़ी जाने वाली नमाज अलविदा की नमाज कहलाती है।
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वैसे तो इस्लाम में हर जुमा की अहमियत है, पर रमजान का आखिरी जुमा होने के चलते यह खास हो जाता है। जुमा अलविदा की नमाज के साथ ही ईद का इंतजार बेकरारी में बदल गया। ईद के अवसर पर बाजार भी गुलजार हो गए हैं। मुस्लिम समाज के लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं।