हरिद्वार : (फरमान मलिक) ईद-उल-फितर यानी मीठी ईद (Mithi Eid 2023) का त्योहार सऊदी अरब में 21 अप्रैल को मनाया जाएगा वहीं भारत में 22 अप्रैल को ईद मनाए जाने की उम्मीद है। जबकि भारत के राज्य केरल में ईद (kerala eid ul fitr 2023 date) 21 अप्रैल को ही मनाई जाएगी। बता दें दसवें महीने शव्वाल के पहले दिन ईद का त्योहार मनाया जाता है। इस्लामिक कैलेंडर अनुसार सभी महीनों की तरह ही ये महीना भी नए चांद दिखने के साथ शुरू होता है। ऐसे में हर मुस्लिम को ईद का चांद (Eid Ka Chand) देखने का बेसब्री से इंतजार रहता है।
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वहीं अगर भारत की बात करें तो कयास लगाए जा रहे हैं कि यहां पर रमजान का महीना 29 दिनों का हो सकता है और भारत में अरब देशों के ईद उल फित्र का त्योहार मनाएगा. हालांकि इसको लेकर भी अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है. ज्यादातर लोगों का मानना है कि 21 अप्रैल को भारत में चांद नजर आ जाएगा लेकिन चांद नहीं निलकता है तो फिर 22 अप्रैल को चांद रात होगी और फिर 23 अप्रैल को ईद उल फित्र का त्योहार मनाया जाएगा.
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पाक रमजान महीना के बाद मनाया जाता है जश्न..
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इस्लामिक चंद्र कैलेंडर में नौवां महीना रमजान का है। दसवां महीना शव्वाल है। शव्वाल का पहले दिन ईद-उल-फितर के रूप में मनाया जाता है। दुनियाभर के मुसलमान रमजान माह के आखिरी दिन रात अर्धचंद्रमा को देखने के बाद त्योहार मनाते हैं। ईद-उल-फितर समारोह के सात शव्वाल का माह शुरू होता है।
क्या है ईद उल फित्र?
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दरअसल ईद का त्योहार मुसलमानों के सबसे पवित्र महीने रमजान के 29 या फिर 30 रोजों के बाद आता है. रमजान के दौरान सभी मुस्लिमों को रोजा रखने और खुदा की ज्यादा से ज्यादा से इबादत करने का हुक्म होता है. अल्लाह के इस हुक्म पर सभी मुस्लिम अमल पर भी करते हैं. ऐसे में खुदा की तरफ से उन्हें यह खुशी का दिन दिया गया है. इस मौके पर सभी मुस्लिम नए कपड़े पहनते हैं और फिर ईदगाहों या फिर मस्जिदों में ईद की नमाज़ अदा की जाती है. नमाज़ के बाद लोग एक दूसरे के घर जाकर तरह-तरह के पकवान भी खाते/खिलाते हैं.
जानिए ईद-उल-फितर का महत्व..
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ईद-उल-फितर भाईचारे के सौहार्द का त्यौहार है, इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग मस्जिदों में नवाज अदा करते हैं और एक दूसरे को गले लगाकर ईद मुबारक कहते हैं। यह अल्लाह को शुक्रिया अदा करने का दिन है। मुस्लिम धार्मिक मान्यताओं अनुसार पैगंमबर मुहम्मद साहब ने सन् 624 ईस्वी. में बद्र की लड़ाई में जीत हासिल की थी। कहते हैं इसी जीत की खुशी में उन्होंने ईद-उल-फितर मनाते हुए लोगों का मुंह मीठा किया था। इसलिए मुस्लिम समुदाय के लोग ईद-उल-फितर के दिन मीठी सेवई बनाकर एक-दूसरे को खिलाते हैं।