नई दिल्ली : ज्यादातर लोग किसी न किसी बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। मानसिक विकार, किडनी की किसी भी तरह की समस्या या कुछ और होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। डॉक्टर दवा देकर मरीज को ठीक कर देता है। अब डॉक्टर बीमार हो तो उसका इलाज कौन करे? कमोबेश भारत में डॉक्टरों की यही स्थिति है। भारतीय सर्वे में डॉक्टरों की मानसिक स्थिति ठीक नहीं पाई गई है।
![](http://www.haridwartimes.in/wp-content/uploads/2024/03/farman-bhai-news1-scaled.jpg)
![](http://www.haridwartimes.in/wp-content/uploads/2023/09/WhatsApp-Image-2023-09-30-at-11.51.10-AM.jpeg)
राजस्थान में डॉक्टर ने की आत्महत्या
डॉक्टरों की मानसिक स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि डॉ. अर्चना ने राजस्थान के दौसा में आत्महत्या कर ली थी. यह मामला राजस्थानी मीडिया में काफी सुर्खियों में रहा था। मरीज के परिजन डॉ. अर्चना को धमकी दे रहे थे। इससे परेशान होकर डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली। लेकिन यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी मामले सामने आते रहे हैं।
![](http://www.haridwartimes.in/wp-content/uploads/2024/07/NEW-STAR-1.jpg)
सर्वे में शामिल 82 फीसदी डॉक्टर तनाव में हैं
हाल ही में डॉक्टरों के मिजाज को लेकर आईएमए का सर्वे सामने आया है। सर्वे में देश में 82.7 फीसदी डॉक्टर अपने पेशे में तनाव में रहते हैं। आईएमए ने यह सर्वे देश भर के विभिन्न विभागों के 1,681 डॉक्टरों पर किया। सर्वे में शामिल 46.3 फीसदी डॉक्टरों ने लड़ाई-झगड़े, मारपीट, धमकी सहित हिंसा की आशंका को तनाव का मुख्य कारण बताया. 13.7 फीसदी डॉक्टरों को डर है कि उन पर आपराधिक मुकदमा चलाया जा सकता है.
![](http://www.haridwartimes.in/wp-content/uploads/2024/05/WhatsApp-Image-2024-05-01-at-3.25.09-PM.jpeg)
डॉक्टर पर्याप्त नींद नहीं ले पा रहे हैं
डॉक्टर मरीज को सलाह देते हैं कि उन्हें 6 से 8 घंटे सोना चाहिए। लेकिन मरीजों को सलाह देने वाले डॉक्टर ही पर्याप्त नींद नहीं ले पाते हैं। इसका असर उनके मानसिक स्वास्थ्य पर देखने को मिल रहा है। काम का अधिक दबाव, स्वस्थ आहार न ले पाना इसके पीछे मुख्य कारण है।
![](http://www.haridwartimes.in/wp-content/uploads/2024/07/WhatsApp-Image-2024-07-14-at-6.57.29-PM.jpg)
मनुष्य पहले, भगवान बाद में
आईएमए बुलंदशहर के अध्यक्ष डॉ. संजीव अग्रवाल ने बताया कि डॉक्टर को लोगों ने भगवान का दर्जा दे दिया है. इसी वजह से सारी उम्मीदें डॉक्टर से जुड़ी होती हैं। डॉक्टर हमेशा यही चाहता है कि उसका मरीज हमेशा स्वस्थ रहे। कोई डॉक्टर गलत इलाज नहीं करता। लेकिन कई बार मरीज का अटेंडेंट डॉक्टर से बदसलूकी करता है। यह व्यवहार ठीक नहीं है। मरीजों और उनके तीमारदारों को समझना होगा कि डॉक्टर पहले इंसान है, फिर उसे भगवान का दर्जा दिया जाना चाहिए।